धर्म-अध्यात्म

जानिये मनी प्लांट लगाने के नियम

Apurva Srivastav
16 Jan 2023 1:13 PM GMT
जानिये मनी प्लांट लगाने के नियम
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मनीप्लांट के पौधे के घर, गैलरी या गार्डन में लगाने के लिए आग्नेय दिशा सबसे उचित दिशा है।

ज्योतिष और वास्तु के अनुसार किसी भी पौधे को लगाने का एक समय और नियम होता है। यदि उस समय और उपयुक्त नियम से उसे लगाया जाता है तो वह पौधा पनपता भी है और सकारात्मक परिणाम भी देता है। आओ जानते हैं मनी प्लांट लगाने के नियम।

मनी प्लांट लगाने के नियम :
आग्नेय कोण में लगाएं : मनीप्लांट के पौधे के घर, गैलरी या गार्डन में लगाने के लिए आग्नेय दिशा सबसे उचित दिशा है। इससे आग्नेय दिशा का दोष दूर होगा और घर में सकारात्मकता का विकास होगा। इस दिशा में यह पौधा लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का भी लाभ मिलता है।
शुक्र ग्रह होता मजबूत : मनीप्लांट को आग्नेय यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाने का कारण यह है कि इस दिशा के देवता गणेशजी हैं जबकि प्रतिनि‍धि शुक्र हैं। गणेशजी अमंगल का नाश करने वाले हैं जबकि शुक्र सुख-समृद्धि लाने वाले। यही नहीं, बल्कि बेल और लता का कारण शुक्र ग्रह को माना गया है। इसलिए मनीप्लांट को आग्नेय दिशा में लगाना उचित माना गया है।
कच्ची जमीन : घर में कच्ची जमीन नहीं हो तो मनी प्लांट लगाना जरूरी हो जाता है। आजकल के जमाने में घर अंदर से पूरी तरह पक्के होते हैं। इसलिए घर में शुक्र स्थापित नहीं होता है, क्योंकि शुक्र कच्ची जमीन का कारक है। इसलिए घर में कहीं भी कच्ची जमीन न हो तो मनी प्लांट लगाना शुभ फल का कारक है।
ईशान दिशा में न लगाएं : मनी प्लांट को उत्तर-पूर्व दिशा अर्थात ईशान कोण में नहीं लगाते हैं क्योंकि यह दिशा गुरु अर्थात बृहस्पति ग्रह की मानी गई और मनी प्लांट शुक्र ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। बृहस्पति और शुक्र आपसी में शत्रु ग्रह है। इसीलिए मनी प्लांट को शुक्र की दिशा आग्नेय कोण में लगाते हैं। कहते हैं कि मनी प्लांट शुक्र का पौधा है इसलिए उसके पास शुक्र के शत्रु ग्रहों का पौधा नहीं लगाना चाहिए। जैसे मंगल, चंद्र और सूर्य का पौधा।
सूखी पत्तियां हटा दें : मनी प्‍लांट की सूखी पत्तियों को तुरंत हटा दें। दूसरी बात यह कि मनी प्लांट की जमीन छूती पत्तियां नहीं होना चाहिए क्योंकि इसे सुख-समृद्धि में रुकावट मानी जाती है और यह सफलता में भी बाधक है।
नक्षत्र : ज्योतिष के अनुसार पौधारोपण हेतु उत्तरा, स्वाति, हस्त, रोहिणी और मूल नक्षत्र अत्यंत शुभ होते हैं। जिन्हें अपना जन्म नक्षत्र ज्ञात हो वे जन्म नक्षत्र अनुसार रोपण करें।
पक्ष : शुक्ल पक्ष में पौधारोपण करें। शुक्ल पक्ष की अष्टमी से कृष्ण पक्ष की सप्तमी तक का समय वृक्षारोपण के लिए शुभ रहता है।


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