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वैदिक शास्त्रों में वृक्ष पूजा का कई स्थानों पर उल्लेख मिलता है। भारतीय संस्कृति में कुछ वृक्ष ऐसे हैं जो पूजनीय माने जाते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वैदिक शास्त्रों में वृक्ष पूजा का कई स्थानों पर उल्लेख मिलता है। भारतीय संस्कृति में कुछ वृक्ष ऐसे हैं जो पूजनीय माने जाते हैं जिनमें बरगद, पीपल और नीम का पेड़ प्रमुख है। वैसे तो हर पेड़ का अपना महत्व है, लेकिन नीम के पेड़ का औषधीय के साथ-साथ धार्मिक महत्व भी है। ज्योतिष शास्त्र में नीम का संबंध शनि और केतु से जोड़ा गया है। इसलिए दोनो ग्रहों की शांति के लिए घर में नीम का पेड़ लगाना चाहिए। नीम की लकड़ी से हवन करने से शनि की शांति होती है और इसके पत्तों को जल में डालकर स्नान करने से केतु संबंधित समस्याएं दूर होती हैं। प्रकृति को प्रत्यक्ष ईश्वर माना जाता है। यदि आपके घर में वास्तु संबंधी कोई समस्या है तो पेड़ पौधों को सही दिशा में लगाना चाहिए। आइए जानते है नीम के पेड़ से जुड़े उपाय और यह क्या लाभ प्रदान करते हैं।
नकारात्मकता से मुक्ति
नीम के पेड़ को दुर्गा मां का स्वरूप माना जाता है। कई स्थानों पर निमरी देवी और शीतला माता भी कहते हैं और उनकी पूजा करते हैं। मान्यता है कि नीम की पत्तियों का धुआ घर में किया जाए तो इससे नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती।
शनि-केतु का प्रभाव कम
ज्योतिष शास्त्र में नीम का संबंध शनि और केतु से जोड़ा गया है। इसलिए दोनो ग्रहों की शांति के लिए अपने घर में नीम का पेड़ लगाना चाहिए। नीम की पत्तियां नहाने के पानी में डालकर स्नान करने से केतु ग्रह शांत होता है,वहीं नीम की माला पहनने से शनि के अशुभ प्रभाव को भी काम करता है।
वायव्य कोण में लगाएं पेड़
नीम के पेड़ में साक्षात मंगल देव का वास होता है। नीम का पेड़ हमेशा घर के दक्षिण दिशा या वायव्य कोण में लगाएं, इससे घर में अमंगलकारी संकट दूर होंगे।
इन राशि के लिए शुभकारी
राशि चक्र की दो राशियां मकर और कुंभ राशि के जातकों को घर में या उसके आसपास नीम का पेड़ जरूर लगाना चाहिए। ये उनके लिए बहुत शुभफलदायी होता है, इससे उनके जीवन में मान सम्मान के पथ को अग्रसर करेगा।
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