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- जानिए पारद शिवलिंग के...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए साधक विभिन्न प्रयत्न हैं। शिवलिंग के विभिन्न रूपों की पूजा करने से कार्यों में सफलता मिलती है। ज्योतिष में पारद शिवलिंग की पूजा बहुत ही लाभदायक मानी गई है। पारद को रसराज भी कहते हैं। पारा धातु को शोधित करके वैदिक विधि एवं प्रयोगों से इसका निर्माण किया जाता है। यह स्वयं ही प्राण प्रतिष्ठित होता है। शास्त्रों में कहा गया है 'ब्रह्महत्या सहस्त्राणि गौहत्यायाः शतानि च। तत्क्षणद्विलयं यान्ति रसलिंगस्य दर्शनात्।। स्पर्शनात्प्राप्यत मुक्तिरिति सत्यं शिवोदितम्'। यानी करोड़ों शिवलिंग के पूजन से जो फल प्राप्त होता है उससे भी करोड़ गुना ज्यादा फल पारद शिवलिंग की पूजा और दर्शन से प्राप्त होता है। पारद से बने शिवलिंग की पूजा करने से बिगड़े काम भी बन जाते हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार पारद शिवलिंग साक्षात् भगवान शिव का ही रूप है, इसलिए इसकी पूजा विधि-विधान से करने से कई गुना फल प्राप्त होता है और हर मनोकामना पूरी होती है। घर में पारद शिवलिंग सौभाग्य, शान्ति, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए अत्यधिक सौभाग्यशाली है। दुकान, ऑफिस एवं फैक्ट्री में व्यापार बढ़ाने के लिए पारद शिवलिंग का पूजन एक अचूक उपाय है। शिवलिंग के मात्र दर्शन ही सौभाग्यशाली होता है। इसके लिए किसी प्राणप्रतिष्ठा की आवश्कता नहीं हैं, लेकिन इसके ज्यादा लाभ उठाने के लिए पूजन विधिवत की किया जाना चाहिए।