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ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के अलग-अलग प्रभावों से बनने वाले योग काफी महत्वपूर्ण होते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के अलग-अलग प्रभावों से बनने वाले योग काफी महत्वपूर्ण होते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन योगों में जन्म लेने वाला व्यक्ति के जीवन में बहुत बड़े बदलाव आते हैं और यह बदलाव इनके लिए शुभ साबित होते हैं. ज्योतिष शास्त्र में 27 तरह के अलग-अलग योग के बारे में बताया गया है. हमारे द्वारा चलाई जा रही कुंडली में बनने वाले शुभ योग की सीरीज में अभी तक हमें भोपाल के रहने वाले ज्योतिषी एवं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा ने गजकेसरी योग, रुचक योग, भद्र योग और हंस योग के बारे में जानकारी दी.
क्या है इंद्र योग?
ज्योतिष शास्त्र में बताए गए 27 योगों में से इंद्र योग एक शुभ योग है. इस योग का किसी व्यक्ति की कुंडली में बनना बहुत शुभ होता है. यह व्यक्ति के रुके हुए कार्य पूरे करता है. साथ ही करियर में भी तरक्की के रास्ते खोलता है. इसी वजह से ज्योतिष शास्त्र में इंद्र योग का विशेष महत्व माना जाता है.
कैसे बनता है इंद्र योग
इंद्र योग को शुभ योग माना जाता है. यह तब बनता है जब किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा से तीसरे स्थान पर मंगल हो और सातवें भाव पर शनि विराजमान हो. वहीं शनि से सातवें भाव में शुक्र मौजूद हो और शुक्र से सातवें भाव में गुरु हो.
इंद्र योग के फायदे
यदि किसी व्यक्ति की तुला लग्न हो और साथ में इंद्र योग हो तो व्यक्ति को मान सम्मान और ऐश्वर्य प्राप्त होता है. ऐसे लोग हमेशा न्याय और धर्म के मार्ग पर चलते हैं. यह योग जिसकी कुंडली में बनता है उसे धन लाभ भी होता है. इस योग के कुंडली में बनने से व्यक्ति चतुर और बुद्धिमान बनता है
इस योग का फल
-जिस व्यक्ति की कुंडली में इंद्र योग बनता है वह व्यक्ति राजनीतिज्ञ होता है. इनका बुद्धि स्तर बहुत ऊपर होता है. इसके कारण व्यक्ति को धन की कमी नहीं होती. इस योग के व्यक्तियों को अपने जीवन में अत्यधिक धन प्राप्त होता है. इंद्र योग वाला व्यक्ति समाज में मान सम्मान प्राप्त करता है और प्रसिद्धि पाता है.
Tara Tandi
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