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हिंदू धर्म में कई सारे पर्व त्योहार और संक्रांतियां मनाई जाती है और सभी का अपना विशेष महत्व होता है लेकिन तुला संक्रांति बेहद ही खास मानी जाती है जो कि सूर्य साधना को समर्पित होती है। इस दिन लोग सूर्य देव की विधि विधान से पूजा करते हैं। यह पर्व आयु और आजीविका में वृद्धि पाने के लिए किया जाता है।
ज्योतिष अनुसार हर माह जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उस दिन संक्रांति मनाई जाती है अभी सूर्य कन्या राशि में है। इसके बाद सूर्य का गोचर तुला राशि में होगा। अश्विन मास में आने वाली संक्रांति को तुला संक्रांति के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस पावन दिन पर स्नान दान करने से जातक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है साथ ही सूर्य कृपा से सुख समृद्धि और सफलता मिलती है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा तुला संक्रांति की तिथि और पूजा मुहूर्त के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
तुला संक्रांति की तिथि—
आपको बता दें कि इस बार तुला संक्रांति 18 अक्टूबर दिन बुधवार को पड़ रही है इस दिन अश्विन माह की विनायक चतुर्थी का व्रत पूजन भी किया जाएगा। इसके अलावा तुला संक्रांति पर शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन देवी कूष्मांडा की भी पूजा होगी। तुला संक्रांति के दिन को बेहद ही शुभ और वरदान प्राप्ति वाला माना जा रहा है।
तुला संक्रांति पर पूजा पाठ का शुभ समय—
धार्मिक पंचांग के अनुसार तुला संक्रांति का 18 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन पुण्य काल मुहूर्त सुबह 6 बजकर 23 मिनट से दोपहर 12 बजकर 6 मिनट तक रहेगा। इसके बाद महापुण्य काल सुबह 6 बजकर 23 मिनट से रात को 8 बजकर 18 मिनट तक हो जाएगा। इस दौरान पूजा पाठ करना उत्तम फल प्रदान करेगा।
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