धर्म-अध्यात्म

जानिए भगवान भीषण भैरव की संक्षिप्त जानकारी

Apurva Srivastav
3 April 2021 9:44 AM GMT
जानिए भगवान भीषण भैरव की संक्षिप्त जानकारी
x
भगवान भैरव की भीषण रूप में पूजा करने पर बुरी आत्माओं और भूतों से छुटकारा मिलता है।

मुख्‍यत: काल भैरव और बटुक भैरव की पूजा का प्रचलन है। श्रीलिंगपुराण 52 भैरवों का जिक्र मिलता है। मुख्य रूप से आठ भैरव माने गए हैं- 1.असितांग भैरव, 2. रुद्र या रूरू भैरव, 3. चण्ड भैरव, 4. क्रोध भैरव, 5. उन्मत्त भैरव, 6. कपाली भैरव, 7. भीषण भैरव और 8. संहार भैरव। आदि शंकराचार्य ने भी 'प्रपञ्च-सार तंत्र' में अष्ट-भैरवों के नाम लिखे हैं। तंत्र शास्त्र में भी इनका उल्लेख मिलता है। इसके अलावा सप्तविंशति रहस्य में 7 भैरवों के नाम हैं। इसी ग्रंथ में दस वीर-भैरवों का उल्लेख भी मिलता है। इसी में तीन बटुक-भैरवों का उल्लेख है। रुद्रायमल तंत्र में 64 भैरवों के नामों का उल्लेख है। आओ जानते हैं भगवान भीषण भैरव की संक्षिप्त जानकारी।

1. भीषण भैरव ने अपने एक हाथ में कमल का फूल, दूसरे में तलवार, तीसरे में त्रिशूल और चौथे में एक पात्र पकड़ा हुआ है।
2. भीषण भैरव की सावारी सिंह की है और उनकी पत्नी का नाम चामुण्डी है।
3. भीषण भैरव उत्तर दिशा के संवरक्षक हैं और इनका नक्षत्र स्वाति है।
4. भीषण भैरव का खास मंदिर तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित है।
5. भगवान भैरव की भीषण रूप में पूजा करने पर बुरी आत्माओं और भूतों से छुटकारा मिलता है।
7. भीषणभैरव ध्यानम्
त्रिनेत्रं रक्तवर्णञ्च सर्वाभरणभूषितम्
कपालं शूलहस्तञ्च वरदाभयपाणिनम् ।
सव्ये शूलधरं भीमं खट्वाङ्गं वामकेशवम् ॥ रक्तवस्त्रपरिधानं रक्तमाल्यानुलेपनम् ।
नीलग्रीवञ्च सौम्यञ्च सर्वाभरणभूषितम् ॥
नीलमेख समाख्यातं कूर्चकेशन्त्रिणेत्रकम् ।
नागभूषञ्च रौद्रञ्च शिरोमालाविभूषितम् ॥
नूपुरस्वनपादञ्च सर्प यज्ञोपवीतिनम् ।
किङ्किणीमालिका भूष्यं भीमरूपं भयावहम् ॥ ७ ॥


Next Story