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लाल किताब में शौचालय और सीढ़ियों को राहु ग्रह के प्रभाव का स्थान माना जाता है। इसका लाल किताब के वास्तु अनुसार होना जरूरी है अन्यथा यह भारी नुकसान का कारण भी बन सकती है। राहु अचानक घटना और दुर्घटना को जन्म देता है अत: जानिए 5 बड़े नुकसान और सीढ़ियां बनाने के 10 नियम।
5 नुकसान :
1. सीढ़ियों में वास्तु दोष है तो व्यक्ति को कर्ज में डूबो सकती है।
2. संतान की प्रकृति पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है।
3. व्यापार में हानि की संभावन बढ़ जाती है।
4. दोष निर्मित सीढ़ियों का मुखिया हर समय परेशान ही रहता है। कभी-कभी तो मुखिया पर मौत का साया भी मंडराने लगता है।
5. हमेाशा चोर-उचक्कों का भय बना रहता है।
कैसी होना चाहिए सीढ़ियां :
1. सीढ़ियां खासकर पत्थर या लकड़ी की होना चाहिए। सीढ़ियों का प्रत्येक पायदान बराबर होना चाहिए।
2. सीढ़ियां हमेशा विषम संख्या में हों। जैसे- 3, 5, 7, 9, 11, 13, 15, 17, 23, 29 आदि संख्या में हो।
3. यदि घुमावदार सीढ़ियां हों, तो फिर इसका घुमाव बाएं से दाएं हाथ की ओर होना चाहिए। खासकर दक्षिणावर्ती घुमाव उचित है।
4. सीढ़ियां कभी भी घर, मकान या दुकान के बीचों-बीच या ब्रह्मा स्थान में नहीं होनी चाहिए। अंदर की बजाय घर के बाहर बनी सीढ़ियां अधिक सुविधाजनक होती हैं।
5. दक्षिण, पश्चिम या नैऋत्य कोण को सीढ़ियों की दिशा माना जाता है। बेसमेंट के लिए सीढ़ियां होनी चाहिए पूर्व, उत्तर या ईशान कोण में। भूतल की छत पर या पहली मंजिल पर जाने के लिए सीढि़यां उत्तर-पूर्व या ईशान कोण में नहीं बनाएं।
6. उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण में सीढ़ियों का निर्माण नहीं करना चाहिए। इससे आर्थिक नुकसान, स्वास्थ्य की हानि, नौकरी एवं व्यवसाय में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दिशा में सीढ़ी का होना अवनति का प्रतीक माना गया है। दक्षिण-पूर्व मतलब आग्नेय में सीढ़ियों के होने से बच्चों के स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव बना रहता है।
7. सीढ़ी की चौड़ाई 10 इंच और ऊंचाई 8 इंच से अधिक नहीं होनी चाहिए। बड़ी इमारतों, सार्वजनिक स्थानों और व्यापारिक परिसरों में यह नियम लागू नहीं होता।
8. घर के मुख्य द्वार के एकदम सामने सीढ़ियां नहीं होना चाहिए। मुख्य दरवाजे खुलते ही सीढ़ियां नहीं होना चाहिए।
9. सीढ़ियों के किनारे टूटे-फूटे नहीं होने चाहिए। ध्यान रहे कि लोहे या धातु के फ्रेम कभी सीढ़ियों में नहीं लगाने चाहिए। यदि सीढ़ियां साफ, स्वच्छ और सुंदर नहीं है तो वहां पर राहु सक्रिय होकर जीवन में उथल पुथल मचा देता है। शत्रु सक्रिय हो जाते हैं और व्यक्ति कर्ज से भी घिर जाता है।
10. सीढ़ियों के दोनों ओर या तो डिजाइनदार रेलिंग हों या फिर मजबूत पतली दीवार होना चाहिए। सीढ़ियों पर या उनकी दीवारों पर नक्काशी या देवी-देवताओं के रेखाचित्र नहीं उकेरना चाहिए। सीढ़ियों के नीचे यदि जगह खाली है तो स्टोर या स्विच रूम बनाया जा सकता है लेकिन उसके नीचे दुकान, टॉयलेट, बाथरूम, लेटने का पलंग या बैठने का आसन नहीं होना चाहिए।
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Apurva Srivastav
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