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धर्म-अध्यात्म
11 मई को है भौमवती अमावस्या, जानिए अमावस्या में क्या करें और क्या नहीं
Apurva Srivastav
9 May 2021 10:33 AM GMT
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अमावस्या माह में एक बार ही आती है। मतलब यह कि वर्ष में 12 अमावस्याएं होती हैं।
अमावस्या माह में एक बार ही आती है। मतलब यह कि वर्ष में 12 अमावस्याएं होती हैं। हर तीसरे वर्ष अधिकमास होने से 13 अमावस्या होती है। वैशाख अमावस्या की तिथि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 11 मई 2021 को मंगलवार के दिन है। मंगलवार होने के कारण इसे भौम अमावस्या या भौमवती अमावस्या भी कहते हैं। आओ जानते हैं कि इस अमावस्या में क्या करते और क्या नहीं करते हैं।
भौमवती अमावस्या मुहूर्त
भौमवती अमावस्या तिथि 10 मई की रात 09 बजकर 55 मिनट से प्रारंभ हो जाएगी जो 12 मई को 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी।
वैशाख अमावस्या को क्या करें :
1. भौमवती अमावस्या पर विधिवत व्रत रखने से कर्ज से छुटकारा मिलता है। कर्ज मुक्ति के लिए भौमवती अमावस्या के दिन श्री गणेश ऋण मोचक मंगल स्तोत्र के 51 पाठ करें और गणेशजी को मोदक का भोग लगाएं।
2. वैशाख अमावस्या पितृ तर्पण और पिंडदान के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मानी गई है अत: इस दिन पितरों की शांति के लिए अनुष्ठान करना चाहिए।
3. इस अमावस्या पर ग्रहदोष, कालसर्प दोष आदि से मुक्ति के लिए भी उपाय किए जाते हैं।
4. इस दिन हो सके तो उपवास रखना चाहिए। इस दिन उपवास रखकर जरूरतमंदों को दान दक्षिणा देना चाहिए और ब्राह्मण भोज कराना चाहिए।
5. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से सभी तरह के पापों से छुटकारा मिलकर पुण्य प्राप्ति होती है।
6. भौमवती अमावस्या के दिन तांबे का त्रिकोण मंगल यंत्र घर में स्थापित करके नित्य इसकी पूजा कर मंगल स्तोत्र का पाठ करें। यंत्र पर लाल चंदन का तिलक करें। इससे आपको धनलाभ प्राप्त होगा।
7. भौमवती अमावस्या के दिन श्रीयंत्र की विधिवत पूजा करें और श्रीसूक्त का पाठ करें। यह उपाय करने से भी आपकी आर्थिक संकट दूर होगा और आपको धन लाभ मिलेगा।
8. भूमि से जुड़े कार्य में सफलता पाने के लिए भौम अमावस्या के दिन विधिवत व्रत रखकर लाल चंदन की माला धारण कर सकते हैं।
9. इस दिन व्यक्ति में नकारात्मक सोच बढ़ जाती है। ऐसे में नकारात्मक शक्तियां उसे अपने प्रभाव में ले लेती है तो ऐसे में हनुमानजी का जप करते रहना चाहिए।
10. अमावस्या के दिन ऐसे लोगों पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है जो लोग अति भावुक होते हैं। अत: ऐसे लोगों को अपने मन पर कंट्रोल रखना चाहिए और पूजा पाठ आदि करना चाहिए।
क्या नहीं करें :
1. इस दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए।
2. इस दिन शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए। इसके शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं।
3. इस दिन नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए।
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