धर्म-अध्यात्म

मौनी अमावस्या का महत्व: स्नान-दान मुहूर्त

Gulabi Jagat
24 Jan 2025 1:09 PM GMT
मौनी अमावस्या का महत्व: स्नान-दान मुहूर्त
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Mauni Amavasya: पंचांग के अनुसार माघ माह के कृष्ण की अमावस्या तिथि का आरंभ 28 जनवरी को शाम 07 बजकर 35 पर होगा। अमावस्या तिथि का समापन 29 जनवरी 2025 को शाम 06 बजकर 05 मिनट पर होगा। मौनी अमावस्या के दिन स्नान-दान के लिए ब्रह्म मुहूर्त 29 जनवरी को सुबह 05 बजकर 25 मिनट से सुबह 06 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। अगर आप ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-दान करना चाहते हैं तो इसी समय करें। वरना मौनी अमावस्या के दिन सुबह से लेकर शाम तक का समय स्नान-दान के लिए उत्तम माना जाता है।
माघ मास में आने वाली इस अमावस्या को माघी अमावस्या के नाम से भी जाता है। मौनी अमावस्या के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है। हर वर्ष मौनी अमावस्या के दिन तीर्थराज प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है। इस दिन त्रिवेणी में स्नान की वजह से इसे त्रिवेणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।
वहीं अगर किसी की कुंडली में पितृ दोष है, तो वो मौनी अमावस्या के दिन स्नान के बाद दान करें। साथ ही पितरों का पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण भी करें। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनकी खास कृपा प्राप्त होती है।
मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। लेकिन अगर आप गंगा स्नान करने नहीं जा पा रहे हैं तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें। ऐसा करने से भी गंगा स्नान का लाभ मिल सकता है। इसके साथ ही इस दिन स्नान के बाद गरीब या जरूरतमंदों को अन्न, धन और वस्त्र का दान करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमावस्या के दिन पितृ अपने वंशजों से मिलने धरती पर आते हैं। ऐसे में इस दिन व्रत रखकर पवित्र नदी में स्नान, दान व पितरों को भोजन अर्पित करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं।
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