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धर्म-अध्यात्म
राहु-केतु के दुष्प्रभावों से छुटकारा पाना चाहते है तो अपनाएं ये उपाय
Triveni
7 Jan 2021 10:17 AM GMT
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जैसे ही हम राहू-केतू का नाम सुनते है तो कुछ बुरे का अंदेशा होने लगता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| जैसे ही हम राहू-केतू का नाम सुनते है तो कुछ बुरे का अंदेशा होने लगता है। ज्योतिष शास्त्र में इन दोनों ग्रहों को काफी खतरनाक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु-केतु होते हैं तो उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके परिणाम काफी अशुभकारी साबित होते हैं। हालांकि, इनके दुष्प्रभावों से बचने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कुछ खास उपाय बताए गए हैं। इनके उपयोग से व्यक्ति इनके दुष्प्रभावों से बच सकता है। जागरण के अध्यात्म के इस लेख में हम आपको राहु-केतु के दुष्प्रभावों से कैसे बच सकते हैं इसकी जानकारी दे रहे हैं। तो आइए पढ़ते हैं उनके उपाय:
राहु-केतु के दुष्प्रभावों से बचने के उपाय:
1. अगर मां दुर्गा की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाए तो व्यक्ति को राहु और केतु के दुष्प्रभावों से निजात मिल जाती है। मां दुर्गा को छायारूपेण कहा जाता है।
2. राहु-केतु के दुष्प्रभावों से निजात पाने के लिए श्रीकृष्ण की मूर्ति की पूजा की जानी चाहिए। यह मूर्ति नाग पर नाचते हुए श्रीकृष्ण की होनी चाहिए। पूजा करते समय 108 बार ओम नम: भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे व्यक्ति को शुभ फल प्राप्त होता है।
3. राहु-केतु को प्रसन्न करने के लिए या शुभ फल की प्राप्ति के लिए उनके बीज मंत्रों का जाप करना आवश्यक है। इससे जातक की मुसीबतें कम हो जाती हैं।
4. इनके दुष्प्रभावों से बचने के लिए 18-18 शनिवार को राहु और केतु की पूजा की जानी चाहिए। साथ ही जातक को उनके प्रिय रत्न गोमेद और लहसुनिया का दान भी करना चाहिए।
5. केतु के दुष्प्रभाव से बचने या शांति के लिए अश्वगंध की जड़ के टुकड़े को आसमानी रंग के कपड़े में बुधवार या गुरुवार को पहनना चाहिए।
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