धर्म-अध्यात्म

भगवान सूर्य देव की विधिवत पूजा कैसे करे

Apurva Srivastav
4 Jun 2023 3:14 PM GMT
भगवान सूर्य देव की विधिवत पूजा कैसे करे
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सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा को समर्पित होता हैं और रविवार का दिन श्री सूर्यदेव की आराधना के लिए समर्पित होता हैं इस दिन भक्तभगवान सूर्य देव की विधिवत पूजा कैसे करेकरते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं।
लेकिन अगर आपकी कोई विशेष कामना हैं जो अभी तक पूरी नहीं हुई हैं तो ऐसे में आप रविवार के दिन लगातार 11 बार श्री सूर्याष्टकम् का पाठ करें मान्यता है कि इस पाठ को करने से हर इच्छा पूरी हो जाती हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं श्री सूर्याष्टकम् पाठ।
श्री सूर्याष्टकम्—
श्री साम्ब उवाच:
आदि देव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर:।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तुते ॥
सप्ताश्वरथ मारुढ़ं प्रचण्डं कश्यपात्पजम्।
श्वेत पद्मधरं तं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥
लोहितं रथमारुढं सर्वलोक पितामहम्।
महापाप हरं देवं तं सूर्य प्रणमाम्यहम् ॥
त्रैगुण्यं च महाशूरं ब्रह्मा विष्णु महेश्वरं।
महापापं हरं देवं तं सूर्य प्रणमाम्यहम् ॥
वृहितं तेज: पुञ्जच वायुराकाश मेव च।
प्रभुसर्वलोकानां तं सूर्य प्रणमाम्यहम् ॥
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बन्धूक पुष्प संकाशं हार कुंडल भूषितम्।
एक चक्र धरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥
तं सूर्य जगत् कर्तारं महातेज: प्रदीपनम्।
महापाप हरं देवं तं सूर्य प्रणमाम्यहम् ॥
तं सूर्य जगतां नाथं ज्ञान विज्ञान मोक्षदम्।
महापापं हरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥
सूर्याष्टकं पठेन्नित्यं गृहपीड़ा प्रणाशनम।
अपुत्रो लभते पुत्रं दरिद्रो धनवान भवेत ॥
अभिषं मधु पानं च य: करोत्तिवे‍दिने।
सप्तजन्म भवेद्रोगी जन्म-जन्म दरिद्रता ॥
स्त्री तेल मधुमां-सा नित्य स्त्यजेन्तु रवेद्रिने।
न व्या‍धि: शोक दारिद्रयं सूर्यलोकं सगच्छति ॥
॥ इति श्री शिव प्रोक्तं सूर्याष्टकं ॥
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