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हिंदू धर्म में शिव शंकर की आराधना को समर्पित कई सारे पर्व त्योहार हैं लेकिन प्रदोष व्रत बेहद खास माना जाता हैं जो शिव पूजा के लिए उत्तम होता हैं प्रदोष व्रत हर माह में पड़ता हैं। पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन यह व्रत किया जाता हैं।
इस दिन भक्त भगवान शिव की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि इस दिन व्रत पूजन करने से सभी समस्याओं का अंत हो जाता हैं साथ ही साधक पर भोलेनाथ की कृपा बरसती हैं ऐसे में अगर आप भी प्रदोष व्रत पर शिव पूजन कर रहे हैं तो आज हम आपको शुभ मुहूर्त के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
गुरु प्रदोष व्रत की तारीख और मुहूर्त—
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 1 जून को दोपहर 1 बजकर 39 मिनट पर हो रहा है और समापन 2 जून को दोपहर 12 बजकर 48 मिनट पर हो जाएगा। प्रदोष व्रत के दिन शिव पूजा प्रदोष काल में करना उत्तम होता हैं ऐसे में शिव पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त शाम को 7 बजकर 14 मिनट से रात्रि 9 बजकर 16 मिनट तक का है। इस मुहूर्त में शिव आराधना करने से साधक को उत्तम फलों की प्राप्ति होती हैं और सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती हैं।
धार्मिक तौर पर प्रदोष व्रत बेहद खास होता हैं इस दिन शिव को प्रसन्न करना बेहद सरल माना जाता हैं। मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन अगर उपवास रखते हुए शिव की आराधना की जाए तो साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाता हैं और सुख समृद्धि व धन में वृद्धि होती हैं।
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Apurva Srivastav
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