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धर्म-अध्यात्म
Basant Panchami पर करे वास्तु उपाय, सुख-समृद्धि की होगी प्राप्ति
Tara Tandi
2 Feb 2025 7:02 AM GMT
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Basant Panchami ज्योतिष न्यूज़ : वसंत पंचमी का पर्व देवी सरस्वती की उपासना का विशेष दिन है, जो ज्ञान, विद्या और बुद्धि की अधिष्ठात्री देवी हैं। इस दिन न केवल विद्यार्थी शिक्षा में सफलता के लिए पूजा-अर्चना करते हैं, बल्कि घर में सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए भी कई शुभ उपाय किए जाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि कुछ विशेष नियमों का पालन किया जाए, तो मां सरस्वती की कृपा लंबे समय तक बनी रहती है।
ईशान कोण को बनाएं सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र
वास्तु शास्त्र में ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) को घर का सबसे पवित्र स्थान माना गया है, जो ज्ञान और आध्यात्मिक उन्नति से जुड़ा है। वसंत पंचमी के दिन इस दिशा को विशेष रूप से साफ करें और वहाँ मां सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। इस स्थान को हल्के पीले या सफेद रंग से सजाएं और वहां सुगंधित धूप व दीपक जलाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और विद्यार्थियों की एकाग्रता बढ़ेगी।
घर में बजाएं वीणा या मधुर संगीत
वसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की कृपा पाने के लिए घर में मधुर संगीत का आयोजन करना बहुत शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, संगीत सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है और घर के वातावरण को शांतिपूर्ण व ज्ञानवर्धक बनाता है। इस दिन घर में वीणा, बांसुरी या कोई अन्य वाद्य यंत्र बजाने से देवी सरस्वती प्रसन्न होती हैं। यदि कोई वाद्य यंत्र बजाने में सक्षम न हो, तो सरस्वती वंदना या शांतिदायक संगीत सुनना भी लाभकारी होता है। इससे विद्यार्थियों की स्मरण शक्ति बढ़ती है, मन एकाग्र रहता है और घर में शुभता का संचार होता है।
सही दिशा में रखें अध्ययन सामग्री और स्टडी टेबल
वास्तु के अनुसार, विद्यार्थियों की स्टडी टेबल को उत्तर या पूर्व दिशा में रखना सबसे लाभकारी होता है। टेबल इस प्रकार होनी चाहिए कि पढ़ाई करते समय छात्र का मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रहे। वसंत पंचमी के दिन स्टडी टेबल को व्यवस्थित करें और अनावश्यक वस्तुएँ हटा दें। टेबल पर माँ सरस्वती की छोटी प्रतिमा या वीणा का चित्र रखने से विद्या और बुद्धि में वृद्धि होती है।
सरस्वती यंत्र और मंत्र जाप से करें ऊर्जा को जाग्रत
वसंत पंचमी के दिन माँ सरस्वती का आशीर्वाद पाने के लिए सरस्वती यंत्र की स्थापना करना शुभ माना जाता है। इसे उत्तर-पूर्व दिशा में रखें और रोज़ "ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे विद्यार्थियों की स्मरण शक्ति और बुद्धि का विकास होता है। घर में नियमित रूप से माँ सरस्वती के बीज मंत्र का उच्चारण करने से वातावरण शुद्ध होता है और मानसिक स्पष्टता बनी रहती है।
घर के मुख्य द्वार को पीले पुष्पों के तोरण और शुभ प्रतीकों से सजाएं
वास्तु शास्त्र के अनुसार, वसंत पंचमी के दिन घर के मुख्य द्वार को पीले पुष्पों के तोरण, आम के पत्तों की बंदनवार और शुभ प्रतीकों से सजाना शुभ माना जाता है। मुख्य द्वार पर स्वस्तिक, ॐ और शुभ-लाभ जैसे प्रतीक बनाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और देवी सरस्वती की कृपा बनी रहती है। यह उपाय घर में सुख-समृद्धि को बढ़ाता है और वातावरण को पवित्र व शुभ बनाता है।
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Tara Tandi
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