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धर्म-अध्यात्म
व्यक्ति से प्रेम, दया, ईमानदारी की अपेक्षा करना व्यर्थ हो जाता है. जानिए क्या हैं वो चार चीजें.
Admin4
23 May 2021 3:10 AM GMT
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आचार्य चाणक्य का जीवन काफी कठिनाइयों भरा रहा, लेकिन उन्होंने किसी भी हालात में खुद को विचलित नहीं होने दिया
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य का जीवन काफी कठिनाइयों भरा रहा, लेकिन उन्होंने किसी भी हालात में खुद को विचलित नहीं होने दिया. धैर्य के साथ सही समय का इंतजार किया और सही रणनीति के साथ अपना काम किया और लोगों के सामने ऐसे उदाहरण प्रस्तुत किए कि आज उनकी गिनती एक सफल राजनीतिज्ञ, रणनीतिकार और अर्थशास्त्री के तौर पर की जाती है. अपने अनुभव और ज्ञान को आचार्य चाणक्य हमेशा दूसरों के साथ बांटते रहे.
अपने ग्रंथ चाणक्य नीति में भी आचार्य चाणक्य ने ग्रहस्थ जीवन, स्त्री, पुरुष, बच्चों से लेकर करीब-करीब हर वर्ग और हर विषय पर अपने विचार साझा किए हैं. जिनका अनुसरण करके तमाम समस्याओं से निपटने में मदद मिल सकती है. इसी कड़ी में आचार्य ने चार ऐसी चीजों का जिक्र किया है, जिसमें अगर किसी व्यक्ति की आसक्ति हो जाए तो उस व्यक्ति से प्रेम, दया, ईमानदारी की अपेक्षा करना व्यर्थ हो जाता है. जानिए क्या हैं वो चार चीजें.
मांसाहार आचार्य चाणक्य का मानना था कि जो व्यक्ति मांसाहार लेता है, उसके अंदर से दया भाव खत्म हो जाता है क्योंकि वो किसी मृत जीव को आहार के रूप में खा रहा होता है. ऐसे व्यक्ति से दया की अपेक्षा नहीं की जा सकती है.
धन जिस व्यक्ति को धन का लालच हो, वो कभी भी ईमानदारी से काम नहीं कर सकता. ऐसा व्यक्ति हर जगह धन पाने की कोशिश में लगा रहता है. ऐसे लोग भरोसे के लायक नहीं होते. इन से ईमानदारी की अपेक्षा करना व्यर्थ हैं.
स्त्री जिस शख्स की रुचि सदैव स्त्री में होती है, उसमें काम भावना प्रबल रूप से होती है. ऐसे व्यक्ति में न तो पवित्रता होती है और न ही वास्तविक प्रेम को की समझ. ऐसे लोगों से प्रेम की अपेक्षा रखना मूर्खता है.
परिवार परिवार और घर से आसक्ति रखने वाला व्यक्ति कभी विद्या अर्जित नहीं कर सकता. यदि विद्या प्राप्त करना है तो अपने परिवार से दूर रहना सीखना पड़ेगा.
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