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इस काल में तब तक मौन रहे जब तक की दिन अस्त न हो जाए।
संधिाकाल को हिन्दू सनातन धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। संधिकाल अर्थात सूर्य के उदय होने के पूर्व और अस्त होने के बाद का काल। इसी तरह दिन में 8 समय संधिकाल होता है। सूर्य के उत्तरायण जाने के पूर्व और दक्षिणायन में आने के पूर्व भी। इसी प्रकार चंद्र के अस्त होने के पूर्व और अस्त होने के बाद भी संधिकाल होता है। वर्ष के लोप होने के पूर्व और प्रारंभ होने के पहले भी संधिकाल होता है। जानिए सूर्यास्त के बाद कौनसे 10 कार्य करने से मिलेगी सुख, शांति और समृद्धि।
1. देवी-देवता का करें वंदन : सूर्यास्त के कुछ समय बाद देवी और देवताओं की आरती उतारें या उनका वंदन कर पूजा करें।
2. दीपक जलाएं : पूजा स्थान और तुलसी पौधे के समक्ष दीप प्रज्वलित करें।
3. मौन रहें : इस काल में तब तक मौन रहे जब तक की दिन अस्त न हो जाए।
4. देहरी पूजा करें : इस काल में घर की देहरी की पूजा करें।
5. कुछ लेकर आएं : यदि आप संधिकाल यानी सूर्यास्त के बाद घर लौट रहे हैं तो बच्चों के लिए या घर के लिए कुछ न कुछ खरीदकर जरूर लाएं।
6. बिस्तर छोड़ दें : यदि आप दोपहर में सो रहे हैं तो सूर्यास्त के समय बिस्तर छोड़कर उठ जाएं और हाथ मुंह धोकर अपने ईष्ट देव को नमस्कार करें।
7. सूर्यदेव को करें प्रणाम : यदि आपके घर से सूर्यास्त होता हुआ नजर आए या सूर्यास्त के बाद आसमान में लालिमा या संध्याकाल नजर आते तो उसे प्राणाम करें।
8. पूर्वजों को भी करें प्राणाम : आपके घर में यदि पूर्वजों की तस्वीर लगी हो तो उन्हें भी प्रणाम करें।
9. भजन सुनें : इस काल में आप अपने घर में अपने ईष्टदेव के भजन सुनें। मोबाइल या टेप रिकॉर्डर पर भजन लगा लें।
10. प्रकाश और सुगंध फैलाएं : सूर्यास्त के कुछ समय बाद घर की लाइट लगाकर हाथ जो़ड़े और इसके बाद अगरबत्ती या धूपबत्ती की सुगंध घर में फैलाएं।
Apurva Srivastav
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