धर्म-अध्यात्म

Hartalika Teej पर आज करें ये सरल उपाय, प्रेम जीवन होगा खुशहाल

Tara Tandi
6 Sep 2024 9:56 AM GMT
Hartalika Teej पर आज करें ये सरल उपाय, प्रेम जीवन होगा खुशहाल
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Hartalika Teej ज्योतिष न्यूज़: सनातन धर्म में पर्व त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन हरतालिका तीज को बहुत ही खास माना गया है जो कि शादीशुदा महिलाओं द्वारा किया जाता है मान्यता है कि इस दिन व्रत पूजा करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का पर्व मनाया जाता है।
यह व्रत शादीशुदा महिलाओं और कुंवारी कन्याओं के लिए बहुत ही खास माना जाता है इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास करती है। ऐसा करने से पति की आयु में वृद्धि होती है साथ ही दांपत्य जीवन भी सुखी रहता है इस साल हरतालिका तीज का पर्व आज यानी 6 सितंबर दिन शुक्रवार को मनाया जा रहा है। इस दिन पूजा पाठ और व्रत के समय अगर श्री उमा महेश्वर स्तोत्र का पाठ भक्ति भाव से किया जाए तो माता पार्वती प्रसन्न हो जाती हैं और सुखी जीवन का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
उमा महेश्वर स्तोत्र—
॥ श्रीगणेशाय नमः ॥
नमः शिवाभ्यां नवयौवनाभ्यां
परस्पराश्लिष्टवपुर्धराभ्याम् ।
नगेन्द्रकन्यावृषकेतनाभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥॥
नमः शिवाभ्यां सरसोत्सवाभ्यां
नमस्कृताभीष्टवरप्रदाभ्याम् ।
नारायणेनार्चितपादुकाभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥॥
नमः शिवाभ्यां वृषवाहनाभ्यां
विरिञ्चिविष्ण्विन्द्रसुपूजिताभ्याम् ।
विभूतिपाटीरविलेपनाभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥ ॥
नमः शिवाभ्यां जगदीश्वराभ्यां
जगत्पतिभ्यां जयविग्रहाभ्याम् ।
जम्भारिमुख्यैरभिवन्दिताभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥॥
नमः शिवाभ्यां परमौषधाभ्यां
पञ्चाक्षरीपञ्जररञ्जिताभ्याम् ।
प्रपञ्चसृष्टिस्थितिसंहृताभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥॥
नमः शिवाभ्यामतिसुन्दराभ्यां
अत्यन्तमासक्तहृदम्बुजाभ्याम् ।
अशेषलोकैकहितङ्कराभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥॥
नमः शिवाभ्यां कलिनाशनाभ्यां
कङ्कालकल्याणवपुर्धराभ्याम् ।
कैलासशैलस्थितदेवताभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥॥
नमः शिवाभ्यामशुभापहाभ्यां
अशेषलोकैकविशेषिताभ्याम् ।
अकुण्ठिताभ्यां स्मृतिसम्भृताभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥॥
नमः शिवाभ्यां रथवाहनाभ्यां
रवीन्दुवैश्वानरलोचनाभ्याम् ।
राकाशशाङ्काभमुखाम्बुजाभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥॥
नमः शिवाभ्यां जटिलन्धराभ्यां
जरामृतिभ्यां च विवर्जिताभ्याम् ।
जनार्दनाब्जोद्भवपूजिताभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥॥
नमः शिवाभ्यां विषमेक्षणाभ्यां
बिल्वच्छदामल्लिकदामभृद्भ्याम् ।
शोभावतीशान्तवतीश्वराभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥॥
नमः शिवाभ्यां पशुपालकाभ्यां
जगत्रयीरक्षणबद्धहृद्भ्याम् ।
समस्तदेवासुरपूजिताभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥॥
स्तोत्रं त्रिसन्ध्यं शिवपार्वतीभ्यां
भक्त्या पठेद्द्वादशकं नरो यः ।
स सर्वसौभाग्यफलानि
भुङ्क्ते शतायुरान्ते शिवलोकमेति ॥॥
॥ इति श्री शङ्कराचार्य कृत उमामहेश्वर स्तोत्रम ॥
आद्य गुरु शंकराचार्य रचित उमा महेश्वर स्तोत्र
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