- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- Pradosh Vrat पर इस...
धर्म-अध्यात्म
Pradosh Vrat पर इस विधि से करें शिव पूजा, पूरी होगी मन्नत
Tara Tandi
26 Dec 2024 5:46 AM GMT
x
Pradosh Vrat ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन प्रदोष व्रत को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार पड़ता है। यह तिथि भगवान शिव को समर्पित होती है इस दिन भक्त शिव की विधिवत पूजा करते हैं और दिनभर उपवास आदि भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से महादेव की कृपा बरसती है और जीवन की सारी दुख परेशानियां खत्म हो जाती हैं। पौष माह का पहला प्रदोष व्रत 28 दिसंबर को किया जाएगा। तो आज हम आपको पूजा विधि बता रहे हैं।
प्रदोष व्रत की तारीख और मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह का पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन किया जाएगा। इस साल त्रयोदशी तिथि का आरंभ 28 दिसंबर को सुबह 2 बजकर 26 मिनट से हो रहा है और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 29 दिसंबर को सुबह 3 बजकर 32 मिनट पर हो जाएगा। वही उदया तिथि के अनुसार 28 दिसंबर को पौष माह का पहला प्रदोष व्रत किया जाएगा। इस दिन शनिवार पड़ रहा है इसलिए इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जा रहा है।
पौष माह के शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा के साथ शनिदेव की पूजा करें इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 28 दिसंबर को शाम 5 बजकर 21 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 6 मिनट तक प्राप्त हो रहा है इस दौरान शिव साधना करना लाभकारी होगा।
पूजा की सरल विधि—
प्रदोष व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर मन को शांत रखें। फिर पूजा स्थल पर शिवलिंग की स्थापना करें और व्रत का संकल्प करें। अब शिवलिंग का अभिषेक पंचामृत से करें। पंचांमृत में दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल मिलाएं। शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और सफेद पुष्प अर्पित करें। पूजा के समय धूप दीपक जलाकर भगवान शिव की पूजा करें फिर ॐ नमः शिवाय इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। पूजा समाप्त होने के बाद भगवान शिव की आरती करें। आखिर में शिव जी को सफेद चीजें जैसे खीर का प्रसाद अर्पित करें। माना जाता है कि इस विधि से प्रदोष व्रत की पूजा करने से महादेव की कृपा प्राप्त होती है।
Next Story