धर्म-अध्यात्म

Bhishma Ashtami पर करें व्रत पूजा, जानें सरल विधि

Tara Tandi
8 Feb 2025 10:57 AM GMT
Bhishma Ashtami पर  करें व्रत पूजा,  जानें सरल विधि
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Bhishma Ashtami ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व है लेकिन भीष्म द्वादशी को बेहद ही खास माना गया है जो कि पितामह भीष्म को समर्पित है पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को भीष्म ने प्राण त्याग दिए थे। इसी महीने की द्वादशी तिथि को पांडवों ने उनका तर्पण और पिंडदान किया था।
इसी तिथि पर भीष्म द्वादशी का व्रत किया जाता है। इस दिन पूजा पाठ और व्रत करना लाभकारी माना जाता है मान्यता है कि भीष्म द्वादशी के दिन व्रत पूजन करने से सभी दुखों का निवारण हो जाता है। इस साल भीष्म द्वादशी का पर्व 9 फरवरी दिन रविवार को मनाया जाएगा। ऐसे में हम आपको भीष्म द्वादशी की व्रत पूजा विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
भीष्म द्वादशी व्रत पूजा विधि—
आपको बता दें कि भीष्म द्वादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद हाथ में जल और चावल लेकर भीष्म द्वादशी व्रत पूजा का संकल्प करें। इसके बाद दिन के किसी भी समय भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें। फल, पंचामृत, सुपारी, पान, दूर्वा अर्पित करें। इसके बाद भगवान को घर में बने पकवान का भोग लगाएं।
गरीबों को दान दें। माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करें और जरूरतमंदों को अन्न दान करें। ऐसा करने से सुख सौभाग्य और धन संतान की मनोकामना पूरी हो जाती है। भीष्म द्वादशी पर किसी नदी के तट पर या घर पर ही योग्य विद्वान के माध्यम से भीष्म पितामाह के निमित्त तर्पण पिंडदान करें भीष्म द्वादशी पर पिंडदान और तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है।
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