- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- ये मंदिर में रात को...
ये मंदिर में रात को रुकने वाले श्रद्धालु बन जाते हैं पत्थर
![ये मंदिर में रात को रुकने वाले श्रद्धालु बन जाते हैं पत्थर ये मंदिर में रात को रुकने वाले श्रद्धालु बन जाते हैं पत्थर](https://jantaserishta.com/h-upload/2023/05/16/2893838-v-copy.webp)
जनता से रिश्ता वेब्डेस्क | देश में कई रहस्यमयी मंदिर हैं, उन्हीं में से एक है राजस्थान का किराडू मंदिर। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि शाम ढलने के पश्चात् यहां ठहरने वाले लोग पत्थर के बन जाते हैं। कहा जाता है कि 1161 ईसा पूर्व में इस जगह का नाम ‘किराट कूप’ था.
राजस्थान में होने के बाद भी इस मंदिर का निर्माण दक्षिण भारतीय शैली में करवाया गया. इस मंदिर को लोग राजस्थान का खजुराहो भी बोलते हैं. वही यह 5 मंदिरों की एक श्रृंखला है. इस श्रृंखला के अधिकतर मंदिर अब खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. जबकि शिव मंदिर एवं विष्णु मंदिर (Kiradu Temple) की हालत ठीक है. इस मंदिर का निर्माण किसने कराया. इसके बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. हालांकि मंदिर निर्माण को लेकर लोगों की अपनी-अपनी मान्यताएं अवश्य हैं.
कहा जाता है कि इस मंदिर (Kiradu Temple) में एक वक़्त ऐसी घटना घटी, जिसका खौफ आज भी लोगों में बना हुआ है. कहा जाता है कि कई वर्ष पहले इस जगह पर एक सिद्ध साधु अपने शिष्यों के साथ आए थे। साधु एक दिन अपने शिष्यों को छोड़कर कहीं भ्रमण के लिए गए। उसी समय उनके एक शिष्य की तबियत बिगड़ गई।
इसे देखते हुए बाकी शिष्यों ने स्थानीय लोगों से मदद मांगी, लेकिन किसी ने भी उनकी मदद नहीं की। बाद में जब साधु वापिस अपने आश्रम में पहुंचे तो उन्हें इस घटना के बारे में पता चला। इससे वे क्रोधित हो उठे और सभी गांव वालों को श्राप दे दिया कि सूर्यास्त के पश्चात् सभी गांव के लोग पत्थर बन जाएंगे।
हालांकि स्थानीय लोगों की मानें तो उस बीमार शिष्य की मदद गांव की एक महिला ने की थी। इस कारण श्राप देने से पहले साधु ने कहा था कि वो सूर्यास्त होने से पहले गांव से चली जाए और पीछे मुड़कर न देखे। हालांकि उस महिला ने साधु की इस बात को गंभीर नहीं समझा और उसने पीछे मुड़कर देख लिया। इस कारण वह भी पत्थर बन गई। इसी वजह से मंदिर से कुछ दूरी पर उस महिला की मूर्ति बनी हुई है।
यही एक बड़ी वजह है, जिसके चलते सूर्यास्त होने के बाद दूर दूर तक मंदिर के पास कोई नहीं जाता।