धर्म-अध्यात्म

Apara Ekadashi 2025: जानिए अपरा एकादशी महत्व और पूजा विधि

Sarita
10 May 2025 7:30 AM GMT
Apara Ekadashi 2025: जानिए अपरा एकादशी महत्व और पूजा विधि
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Apara Ekadashi 2025: सनातन धर्म में एकादशी तिथि को अत्यंत पवित्र और फलदायी माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को "अपरा एकादशी" कहा जाता है। इस दिन उपवास के साथ-साथ अन्न, वस्त्र और धन का दान करना पुण्यदायी माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत रखने और दान-पुण्य करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और शुभ फल की प्राप्ति होती है।आइए जानते हैं वर्ष 2025 में अपरा एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि|
अपरा एकादशी 2025 तिथि:
ज्योतिषीय गणना के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 23 मई को रात 01:12 बजे प्रारंभ होगी और इसी दिन रात 10:29 बजे समाप्त हो जाएगी। सनातन धर्म में उदया तिथि को प्राथमिकता दी जाती है, अतः अपरा एकादशी व्रत 23 मई को रखा जाएगा। अगले दिन यानी 24 मई को व्रत का पारण किया जाएगा।
अपरा एकादशी पारण का समय :
एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि के दौरान किया जाता है। 24 मई को पारण के लिए शुभ समय सुबह 05:26 बजे से शाम 08:11 बजे तक रहेगा। इस दौरान कभी भी व्रत खोला जा सकता है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:04 से 04:45 बजे तक रहेगा, जो पूजा-पाठ के लिए अत्यंत श्रेष्ठ माना जाता है।
अपरा एकादशी की पूजा विधि:
प्रातःकाल सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें और सूर्य को अर्घ्य दें।
पूजा स्थान को शुद्ध करें और गंगाजल का छिड़काव करें।
स्वच्छ वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
चंदन, फूलमाला अर्पित करें और देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें।
भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें और विष्णु चालीसा का पाठ करें।
व्रत कथा का श्रवण या पाठ करें।
फल, मिठाई और तुलसी के पत्तों सहित भोग अर्पित करें।
अंत में जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें।
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