धर्म-अध्यात्म

11 साल बाद कल सर्व पितृ अमावस्या पर बन रहा ये शुभ योग, जरूर करें श्राद्ध, जानें महात्म व उपाय

Renuka Sahu
5 Oct 2021 3:58 AM GMT
11 साल बाद कल सर्व पितृ अमावस्या पर बन रहा ये शुभ योग, जरूर करें श्राद्ध, जानें महात्म व उपाय
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फाइल फोटो 

हिंदी पंचांग के अनुसार, कल यानि 6 अक्टूबर को पितृ पक्ष की अमावस्या तिथि और अंतिम श्राद्ध है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदी पंचांग के अनुसार, कल यानि 6 अक्टूबर को पितृ पक्ष की अमावस्या तिथि और अंतिम श्राद्ध है. इसे विसर्जनी अमावस्या एवं सर्व पितृ अमावस्या भी कहते हैं. इस दिन उन सभी पितरों के लिए श्राद्ध निकाली जाती है जिनके निधन की तिथि परिजनों को याद नहीं रहती. आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन इस बार 11 साल बाद यह अद्भुत संयोग बन रहा है. धार्मिक मान्यता है कि इस अद्भुत संयोग में सर्व पितृ अमावस्या की श्राद्ध करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने के लिए पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

सर्व पितृ अमावस्या पर गजछाया योग
ज्योतिष गणनाओं के अनुसार, इस साल 6 अक्टूबर 2021 यानी सर्व पितृ अमावस्या पर 11 साल बाद गजछाया योग का निर्माण हो रहा है. इससे पहले यह योग वर्ष 2010 में बना था. ज्योतिष में गजछाया योग को बेहद शुभ और अति लाभकारी माना जाता है. यह ख़ास योग 6 अक्टूबर 2021 को शाम 04 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. धार्मिक मान्यता है कि गजछाया योग में श्राद्ध या तर्पण करने से पितर अति प्रसन्न होते हैं. कहा जाता है कि इस योग में श्राद्ध और दान करने से पितरों की आत्मा अगले 12 सालों के लिए तृप्त हो जाती है. ऐसे में इस खास संयोग पर सर्व पितृ अमावस्या की श्राद्ध जरूर करें. ज्योतिष गणनाओं के मुताबिक़, अब ये योग 8 साल बाद 2029 में बनेगा.
कैसे बनता है गजछाया योग
पंचांग के अनुसार, सूर्य और चंद्रमा जब हस्त नक्षत्र में होते हैं, तब गजछाया योग का निर्माण होता है. 06 अक्टूबर को सूर्योदय से लेकर शाम 04 बजकर 34 मिनट तक सूर्य और चंद्रमा हस्त नक्षत्र में होंगे.
सर्व पितृ अमावस्या उपाय
सर्व पितृ अमावस्या के दिन बन रहे गजछाया योग में पितरों का श्राद्ध करें और घी मिली हुई चीजों का गरीबों व जरुरतमंदों को दान करें. मान्यता है कि इस दिन अन्न और वस्त्र के दान से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं.


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