धर्म-अध्यात्म

वास्तु अनुसार कैसी होनी चाहिए दहलीज

Apurva Srivastav
9 May 2023 5:28 PM GMT
वास्तु अनुसार कैसी होनी चाहिए दहलीज
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देहलीज को देहरी, डेली, पायदान आदि कई नामों से जाना जाता है। दरवाजे की चौखट के नीचे के पायदान को देहलीज कहते हैं। इसका वास्तु के अनुसार होना जरूरी है। यदि यह वास्तु के अनुसार नहीं बनी है तो घर की सुख, शांति और धन समृद्धि को भी नुकसान होगा। अत: जानिए कि देहरी का रंग और उसकी दिशा कौनसी होना चाहिए।
वास्तु उपाय :-
1. वास्तु के अनुसार दहलीज़ टूटी-फूटी या खंडित नहीं होना चाहिए।
2. बेतरतीब तरह से बनी दहलीज नहीं होना चाहिए यह भी वास्तुदोष निर्मित करती है।
3. द्वार की देहली (डेली) बहुत ही मजबूत और सुंदर होना चाहिए।
4. कई जगह दहलीज होती ही नहीं जो कि वास्तुदोष माना जाता है। कोई भी व्यक्ति हमारे घर में प्रवेश करे तो दहलीज लांघकर ही आ पाए। सीधे घर में प्रवेश न करें।
5. दहलीज का रंग सफेद, पीला या मेहरून रख सकते हैं।
6. दिशा के आधार पर दहलीज की धातु निर्धारित कर सकते हैं। धातु नहीं तो देहरी शीशम, सागवान या अखरोट की लकड़ी की होना चाहिए।
7. दक्षिण दिशा की देहरी है तो लकड़ी और धातु का संयोजन होना चाहिए, पश्चिम की ओर है तो धातु रखें। उत्तरी है तो रंग चांदी का होना चाहिए और पूर्व की ओर है तो कुछ धातु के सामान के साथ लकड़ी की देहरी होना चाहिए। सामान्य रूप से दहलीज को मजबूत पत्थर, संगमरमर या लकड़ी की बनाएं।
8. दहलीज बाहर और भीतर की जमीन के समान स्तर पर न हो। यानी दहलीज बाहर की सड़क या भूमि से नीचे या उसके समान स्तर की न हो।
9. देहलीज पर दाएं बाएं शुभ और लाभ भी बना सकते हैं या द्वारा के आसपास भी शुभ-लाभ बना सकते हैं।
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