अन्य

जम्मू-कश्मीर: नई तकनीक से विदेशी सब्जी उगा रहे सांबा के किसान, कृषि विभाग से मिल रही मदद

jantaserishta.com
30 Dec 2024 3:12 AM GMT
जम्मू-कश्मीर: नई तकनीक से विदेशी सब्जी उगा रहे सांबा के किसान, कृषि विभाग से मिल रही मदद
x
सांबा: जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के किसान आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं। नई तकनीक का उपयोग कर वो कई तरह की विदेशी सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। इस काम में कृषि विभाग उनकी मदद कर रहा है। इस संबंध में क‍िसानों ने रविवार को आईएएनएस की टीम से खास बात की।
जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के किसान अब पारंपरिक खेती छोड़कर आधुनिक और उन्नत खेती की ओर बढ़ रहे हैं। जिले के किसान विदेशी तरीकों और तकनीकों का इस्तेमाल कर विदेशी सब्जियों की खेती में जुट गए हैं। सांबा जिले की बॉर्डर तहसील रामगढ़ के किसान अर्जुन सिंह इस बदलाव का उदाहरण हैं। उन्होंने जुकिनी (एक प्रकार की विदेशी सब्जी) की खेती शुरू की है और इससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है।
चीफ एग्रीकल्चर ऑफिसर सांबा मदन गोपाल ने जानकारी दी कि जिले के किसानों को आधुनिक खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस पहल से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है, बल्कि जिले में खेती के पारंपरिक तरीके भी आधुनिकीकरण की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया, "आज किसान नई तकनीकों और विदेशी सब्जियों की खेती से बेहतर आय अर्जित कर रहे हैं। कृषि विभाग उन्हें हर संभव मदद उपलब्ध करा रहा है।"
नई तकनीक का इस्तेमाल करके विदेशी सब्जियों को उगाने वाले एक किसान अर्जुन सिंह ने बताया, "विदेशी सब्जियों के उत्पादन में अच्छा मुनाफा होता है। हम जो उगाते हैं, वो प्रोटीन से भरपूर है और इसका सलाद और सब्जी दोनों में इस्तेमाल होता है। यहां पर मैं पहला किसान हूं, ज‍िसने इसकी खेती की शुरुआत की है। सरकार हमें बहुत मदद कर रही है।"
वहीं, दूसरे किसान करण सिंह ने बताया, "मुझे जानकारी मिली कि यहां का एक किसान भाई एक नए तरह का बीज लाया है, इसको देखने के लिए हम यहां पर आए हैं। इस विदेशी सब्जी के उत्पादन में मेहनत कम और मुनाफा ज्यादा होता है। पहले हम गेहूं और धान की खेती करते थे, लेक‍िन मुनाफा बहुत कम होता था। अगर सरकार मदद करेगी, तो हम बड़े पैमाने पर विदेशी सब्जियों की खेती करेंगे, ताक‍ि अधिक से अधिक लाभ मिले।"
उन्होंने बताया, "यहां पर कृषि विभाग के लोग काफी मदद कर रहे हैं। पहले कोई इतना सपोर्ट नहीं करता था, लेकिन अब कृषि विभाग की तरफ से काफी मदद की जा रही है।"
Next Story