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जम्मू-कश्मीर के पास टेररिज्म नहीं टूरिज्म कैपिटल का टैग, बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर का बिछा जाल: तरुण चुग

jantaserishta.com
6 July 2024 9:57 AM GMT
जम्मू-कश्मीर के पास टेररिज्म नहीं टूरिज्म कैपिटल का टैग, बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर का बिछा जाल: तरुण चुग
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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने अपनी चुनावी तैयारियों को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाने के लिए भाजपा संगठनात्मक बैठकों का आयोजन कर रही है।
भाजपा की बैठक में राष्ट्रीय महासचिव और जम्मू-कश्मीर प्रभारी तरुण चुग ने कहा कि जम्मू कश्मीर में लोकसभा में दो सीटों में हमने विजय प्राप्त की है और अब्दुल्ला परिवार, गांधी परिवार को हमने हराया है। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक बहुत महत्वपूर्ण है। हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं में काफी ज्यादा उत्साह देखने को मिल रहा है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जल्द ही आ रहे हैं। उनका मार्गदर्शन आगामी योजनाओं और भविष्य की योजना के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहने वाली है। केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर को टेररिज्म कैपिटल के टैग से टूरिज्म कैपिटल तक पंहुचाया। बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर का जाल बिछाया।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को कोई आतंकवाद से निकाल सकता है तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने धारा 370 और 35ए की जंजीरों को तोड़ा है। यहां जान हथेली पर लेकर जम्मू कश्मीर में तमाम कार्यकर्ता कार्य कर रहे हैं, जिसका परिणाम आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा। यहां भाजपा की सरकार बनने वाली है। संगठन के तमाम कार्यक्रम के साथ केंद्र सरकार की जनहित योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए हम बैठक करते रहते हैं। सेवा का प्रकल्प को लेकर जनता के बीच जाते रहते हैं।
जम्मू-कश्मीर बीजेपी अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा कि पीओके से हजारों शरणार्थी यहां आए हैं। किसी ने उनसे कुछ नहीं पूछा, लेकिन आज उनका जिक्र किया गया, उनकी गरिमा का सम्मान किया गया। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें स्वीकार किया है। मोदी सरकार ने सबको सम्मान से जीने का हक दिया है।
बता दें कि मोदी सरकार ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। जम्मू-कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव और राज्य का दर्जा बहाल करने की राजनीतिक दलों की मांग रही है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भारत के चुनाव आयोग और केंद्र को सितंबर तक चुनाव कराने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय समय सीमा के अनुसार जम्मू-कश्मीर में इस साल सितंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है।
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