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11 साल बाद मिला न्याय
Pratapgarh. प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ के कुंडा में सीओ जियाउल हक के हत्याकांड मामले में लखनऊ की CBI अदालत ने सजा सुना दी है। सभी 10आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। इसके अलावा सभी दोषियों पर 19हजार 500रुपए का जुर्माना भी कोर्ट ने लगाया है। कोर्ट ने कुल जुर्माने की 50फीसदी रकम को सीओ जियाउल हक की विधवा पत्नी परवीन आजाद को देने का आदेश भी दिया है। लखनऊ में सीबीआई की विशेष अदालत ने कुंडा से डीएसपी रहे जिया उल हक की हत्या के मामले में 10आरोपियों को सजा दी है। इस मामले में शुक्रवार को स्पेशल कोर्ट में सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया था। कोर्ट ने इस मामले में जिन्हें दोषी पाया है उनके नाम है।
फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन, छोटे लाल यादव, राम आश्रय, मुन्ना लाल यादव, शिवराम पासी और जगत पाल है। इस मामले में डीएसपी की पत्नी परवीन ने शिकायत की थी। जिनमें कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और ग्राम प्रधान गुलशन यादव समेत कई लोगों ने नाम दिए गए थे। हालांकि सीबीआई जांच में राजा भैया और गुलशन यादव को क्लीन चिट मिल चुकी है। सीबीआई के अनुसार साल 2013 में कुंडा के डीएसपी जिया उल हक पुलिस पार्टी के साथ बालीपुर इलाके के प्रधान नन्हें यादव के घर गए थे। उस समय क्षेत्र में नन्हे यादव की हत्या होने के कारण हालात काफी खराब हो गए थे। जिसके बाद कानून के कानून- व्यवस्था खराब हो गए थे। आरोप है कि पुलिस पार्टी के गांव में पहुंचने के बाद मृतक नन्हे यादव के परिवार वाले और उनके समर्थक और उग्र हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने पुलिस के ऊपर लाठी डंडों और अन्य हथियारों से हमला बोल दिया था। इस दौरान भीड़ ने कुंडा सीओ जिया उल हक की हत्या कर दी थी। कोर्ट अब इस मामले सभी दोषियों को सजा सुना दी है।
कब-कब क्या-क्या हुआ
2 मार्च 2013 की शाम सात बजे बलीपुर चौराहे पर प्रधान नन्हे सिंह यादव की गोली मारकर हत्या
2 मार्च 2013 की रात आठ बजे कुंडा सीएचसी से प्रधान का शव घर आने के बाद शुरू हुआ बवाल
2 मार्च 2013 की रात सवा आठ बजे प्रधान के हत्यारोपी कामता के घर ग्रामीणों ने बोला धावा, तोड़फोड़
2 मार्च 2013 की रात साढ़े आठ बजे बवाल के बीच सुरेश को लगी गोली, मौत से भड़का आक्रोश
2 मार्च 2013 की रात साढ़े आठ बजे सीओ कुंडा जिया उल हक पहुंचे। आरोपियों ने उनका बेरहमी से किया कत्ल
2 मार्च 2013 की रात 11 बजे प्रभारी एसपी दस थानों की फोर्स व पीएसी लेकर पहुंचे बलीपुर, सीओ का शव किया बरामद
2 मार्च 2013 की रात हथिगवां थानाध्यक्ष मनोज शुक्ला ने दर्ज कराई रिपोर्ट
3 मार्च 2013 की सुबह दस बजे पोस्टमार्टम हाउस पर हंगामा
3 मार्च 2013 को करीब 12 बजे पुलिस लाइन में हंगामे के बीच सीओ की पत्नी परवीन आजाद ने एडीजी अरुण को दी तहरीर, राजा भैया समेत पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज
5 मार्च 2013 राजा भैया ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा
5 मार्च 2013 को अखिलेश सरकार ने घटना की सीबीआई जांच के लिए लिखा पत्र
8 मार्च 2013 को सीबीआई ने दर्ज किया मुकदमा
12 मार्च 2013 को बलीपुर पहुंची सीबीआई, नगर पंचायत कार्यालय कुंडा को बनाया कार्यालय
दो माह तक चली जांच के बाद सीबीआई की टीम ने राजा भैया समेत अन्य आरोपियों को दी क्लीन चिट, दिल्ली में राजा भैया का हुआ था नार्को टेस्ट
हाईकोर्ट के बाद सीओ की पत्नी परवीन ने सुप्रीम कोर्ट का खटखटाया दरवाजा
9 मार्च 2017 को सीओ हत्याकांड के मुख्य आरोपी योगेंद्र उर्फ बबलू की सड़क हादसे में रायबरेली में मौत, परिजनों ने राजा भैया के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा
27 अक्टूबर 2023 को कोर्ट ने फिर बलीपुर जाकर जांच करने दिया निर्देश
4 अक्टूबर 2024 को सीबीआई कोर्ट ने सीओ जिया उल हक हत्याकांड के दस आरोपियों को माना दोषी
9 अक्टूबर 2024 को सीबीआई कोर्ट ने सीओ हत्याकांड के दस आरोपियों को सुनाई सजा
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