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थप्पड़ मारने पर पति के खिलाफ कोर्ट पहुंची थी पत्नी, हाईकोर्ट ने अपराध मानने से किया इनकार

Nilmani Pal
23 Feb 2024 8:05 AM GMT
थप्पड़ मारने पर पति के खिलाफ कोर्ट पहुंची थी पत्नी, हाईकोर्ट ने अपराध मानने से किया इनकार
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जम्मू। IPC यानी भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत पत्नी को सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मारना, उसकी गरीमा को ठेस पहुंचाने का अपराध नहीं है। हाल ही में जम्मू और कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इस याचिका के जरिए ट्रायल कोर्ट की तरफ से इश्युएंस ऑफ प्रोसेस (तामील करने की प्रक्रिया) को चुनौती दी गई थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के इश्युएंस ऑफ प्रोसेस को खारिज कर दिया। हालांकि, कार्यवाही को धारा 323 के तहत बरकरार रखा।

पति और पत्नी के बीच वैवाहिक जीवन में कुछ विवाद चल रहा था। पत्नी का दावा है कि जब वह इस मामले में सुनवाई के लिए फैमिली कोर्ट पहुंची, तो अलग हो चुके पति ने उसे सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मारकर घायल कर दिया। इस घटना को लेकर पति के खिलाफ IPC की धारा 323 और 354 के तहत शिकायत दर्ज हो गई थी। बाद में ट्रायल कोर्ट ने पति के खिलाफ कार्यवाही शुरू की, जिसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी।

पति की याचिका पर सुनवाई कर रहे जस्टिस रजनीश ओसवाल ने कहा कि IPC की धारा 354 के तहत यह अपराध नहीं बनता है। हालांकि, कोर्ट ने यह भी साफ किया कि जानबूझकर किसी को नुकसान पहुंचाने के चलते यहां IPC की धारा 323 के तहत अपराध हो सकता है।

कोर्ट की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, 'शिकायत में बताई गई बातों के अनुसार IPC की धारा 354 के तहत अपराध नहीं बनता है, लेकिन यह IPC की धारा 323 के तहत अपराध हो सकता है। क्योंकि प्रतिवादी ने साफतौर पर बताया है कि जब वह कार्यवाही में शामिल होने के लिए आई थी, तब उसे याचिकाकर्ता ने जनता के सामने पीटा और थप्पड़ मारा है। महिला की तरफ से पेश हुए वकील ने भी माना कि IPC की धारा 354 के तहत अपराध नहीं बनता है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि IPC की धारा 323 को यहां माना जा सकता है।

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