x
Sainj. सैंज। भारत रतन से सम्मानित ऊर्जा सेक्टर की अग्रणी कंपनी एनएचपीसी ने पार्वती प्रोजेक्ट चरण दो में एशिया की सबसे लंबी वाटर टनल की अंतिम खुदाई पूरी कर ली है। हिमालय की बर्फीली पहाडिय़ों में एनएचपीसी को फाइनल कामयाबी हासिल हुई है। कठोर पहाड़ों को भेदने वाली विदेशी मशीन टीबीएम ने 32 किलोमीटर लंबी टनल की खुदाई कर जहां विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है, वहीं ऊर्जा विकास में भी एक नई युग की शुरुआत होने वाली है। एनएचपीसी के कार्यपालक निदेशक कार्यालय नगवाईं से मिली जानकारी के मुताबिक पार्वती प्रोजेक्ट चरण दो में अब शीघ्र ही ऊर्जा उत्पादन की आस जगी है। टनल की अंतिम खुदाई पूरी हो चुकी है और अब सिर्फ लाइनिंग का काम शेष बचा है।
एनएचपीसी के कार्यपालक निदेशक एवं पार्वती परियोजना चरण दो के प्रमुख निर्मल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि हिमालय की इस पर्वत श्रृंखला में टनल का काम चुनौती पूर्ण था लेकिन इंजीनियरों ने हार नहीं मानी। देश विदेश के कामगारों एवं इंजीनियरों ने दिन-रात मेहनत की। जिस कारण पार्वती परियोजना का शिखर पर पहुंचने में मात्र एक कदम शेष है। यहां उल्लेखनीय यह है कि पार्वती प्रोजेक्ट में विदेशी मशीन से एशिया की सबसे लंबी 32 किलोमीटर हाइड्रो टनल की खुदाई बीते दो दशकों से जारी है, ताकि टनल के जरिए मणिकर्ण से सियूंड स्थित पावर हाउस तक पानी पहुंचाया जा सके। एशिया की सबसे लंबी टनल में खुदाई पूरी होने पर जहां केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने एनएचपीसी को बधाई दी है। वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी पार्वती के अधिकारियों को शुभकामनाएं दी है। पार्वती प्रोजेक्ट में तैनात मजदूर यूनियन एटक के नेता ओम प्रकाश शर्मा ने इस सफलता के लिए एनएचपीसी के अध्यक्ष, कार्यपालक निदेशक निर्मल सिंह, इंजीनियरों व मजदूरों को बधाई दी है। वरिष्ठ अधिकारी निर्मल सिंह की देखरेख में पार्वती प्रोजेक्ट नई बुलंदियों की ओर है।
Next Story