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Kotla की पंचायतों में पानी का संकट

Shantanu Roy
19 Jun 2024 12:15 PM GMT
Kotla की पंचायतों में पानी का संकट
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Jawali. जवाली। विधानसभा क्षेत्र जवाली के अधीन कोटला बैल्ट की अधिकतर पंचायतों में पेयजल समस्या पैदा हो गई है। लोग पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं तथा टैंकरों से पानी मंगवाने को मजबूर हैं। कहीं हफ्ते के बाद पानी आता है, तो कहीं महीना-महीना भर पानी नहीं आता है। अगर पानी आता भी है तो 10 से 15 मिनट ही आता है। नलकों का प्रेशर कम होने से दो-चार बाल्टी ही पानी की भर पाती हैं। अब इन दो बाल्टियों को पीने के लिए प्रयोग करें या नहाने, पशुओं को पिलाने, कपड़े धोने के प्रयोग करें, यह समझ पाना मुश्किल हो जाता है। ग्राम पंचायत कुठेड़, सोलदा, त्रिलोकपुर, नियांगल, पद्दर, अमनी, बेही पठियार, कोठीबंडा, कोटला, राजोल इत्यादि में पानी के लिए लोग तरस रहे हैं तथा कुओं-हैंडपंपों से पानी ला रहे हैं। चिलचिलाती गर्मी में भी लोग पानी के अभाव में हफ्ताभर तक नहीं नहा रहे हैं।
शौचालयों की टंकियां खाली पड़ी हैं।
शौचालयों की टंकियों में सिर पर घड़े उठाकर पानी लाकर डालते हैं तब जाकर शौच जा पाते हैं। कुछ तो टैंकरों से पानी मंगवाने को मजबूर हो गए हैं। बारिश न होने के कारण कुएं-बावडिय़ां व हैंडपंप भी सूख गए हैं। पशुओं को पिलाने तथा कपड़े धोने व नहाने को भी पानी नहीं है। सुबह उठकर ब्रश करने व मुंह धोने तक को पानी नहीं है। गृहिणियों को सुबह उठकर पहले पानी का इंतजाम करना पड़ता है तब जाकर खाना बन पाता है। हर कोई परेशान हो गया है। नलके शोपीस बनकर रह गए हैं। ैं। जलस्तर काफी नीचे जा रहा है। लोग अब मंत्री चंद्र कुमार को कोस रहे हैं। लोगों ने कहा कि अगर भाजपा सरकार के कार्यकाल में निर्मित बौह दरिणी पेयजल योजना को दुरुस्त करवा दिया होता तो यह समस्या न होती। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खूए जलशक्ति मंत्री मुकेश अग्निहोत्री, कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार से मांग की है कि जब तक पानी की किल्लत है तब तक टैंकरों से पानी मुहैया करवाया जाए।
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