हरियाणा में कोरोना के मामले अभी भी तेजी से बढ़ते दिख रहे रहे हैं और मौतें भी काफी हो रही हैं. बिगड़ती परिस्थिति की वजह से राज्य में सख्त पाबंदियां लागू हैं और सभी से घर में रहने की अपील की गई है. लेकिन अब इस कोरोना संकट के बीच हरियाणा के एक गांव ने लॉकडाउन का पालन ना करने का ऐलान कर दिया है. जोर देकर कहा गया है कि ना मास्क लगाया जाएगा और ना ही किसी गाइडलाइन का पालन होगा. ये घटना जींद के दनौदा गांव की बताई गई है. गांव के ग्रामीणों का आरोप है कि जब राज्य के सीएम ही लॉकडाउन और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते हैं, ऐसे में वे भी अब किसी भी तरह की पाबंदी को नहीं मानने वाले हैं. कहा गया है कि आज के बाद से कोई लॉकडाउन का पालन नहीं करेगा. गांव में कोई मास्क नहीं लगाएगा और सभी दुकानों को भी खुलवा दिया है.
उनका कहना है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री भी कोरोना के नियमों का पालन नहीं करते तो ग्रामीण भी नहीं करेंगे. पुलिस की तरफ से समझाने का प्रयास तो हुआ, लेकिन गांव वाले अपने ऐलान पर डटे रहे और उन्होंने जाम जैसी स्थिति पैदा कर दी. जो तस्वीरें सामने आई हैं उनमें भारी भीड़ भी देखने को मिल रही है और सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हो रहा है.
गांव वालों के इस रवैये पर नोडल अधिकारी पाले राम कटारिया ने चिंता जाहिर कर दी है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि कोरोना काल में उठाया गया ये कदम घातक साबित हो सकता है. उन्होंने जानकारी दी है कि जींद जिले में 70 ऐसे गांव हैं जहा 20 से ज्यादा कोरोना के मामले हैं. ऐसे में कोरोना से बचने के लिए एकमात्र विकल्प है गाइडलाइन का पालन करना. अगर ऐसा नहीं होगा तो स्थिति बद से बदतर हो सकती है.
क्या है पूरा विवाद?
जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले सीएम मनोहर लाल खट्टर हिसार में अस्थाई कोविड -19 अस्पताल का उद्घाटन करने आए थे. उस समय उनके साथ भारी भीड़ जुटी थी और पुलिस का किसानों संग टकराव भी हो गया था. उसी घटना के बाद से गांव वाले नाराज हैं और अब उन्होंने ये फैसाल सुना दिया है. समझाने के प्रयास जारी है लेकिन अभी के लिए दनौदा गांव ने कोरोना काल में ही प्रशासन के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है.