भारत
इलाहाबाद HC के सुझाव का VHP ने किया समर्थन- गाय को 'राष्ट्रीय पशु' घोषित करने के लिए देश भर में चलेगा जागरूकता अभियान
Deepa Sahu
3 Sep 2021 1:46 PM GMT
x
इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने (Allahabad High Court) गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का सुझाव दिया है. कोर्ट ने कहा कि गाय भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है. कोर्ट ने कहा कि गायों की सुरक्षा को हिंदुओं के मौलिक अधिकार में शामिल किया जाना चाहिए.उनके इसी सुझाव पर विश्व हिन्दू परिषद ने भी समर्थन किया है. वीएचपी (VHP) के अंतराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए इलाहाबाद हाइकोर्ट के सुझाव का वो स्वागत तो करती ही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सदियों से गाय इस देश की प्राण वायु की तरह रही है लिहाजा केंद्र और राज्य सरकारों को न्यायाधीश के सुझाव का पालन करना चाहिए और गौ हत्या पर भी पूरी तरह प्रतिबंध लगा देना चाहिए.
वीएचपी (VHP) के कार्याध्यक्ष ने कहा कि केंद्र में गौ भक्तों की सरकार है इसलिए उन्हें पूरा भरोसा है कि इलाहाबाद हाइकोर्ट के इस सुझाव को बिना देर किए अमल में लाएगी. वहीं वीएचपी के साथ साथ अखिल भारतीय संत समिति ने भी इलाहाबाद कोर्ट के इस सुझाव पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि एक तरह से उनकी सालों पुरानी मांग को समर्थन मिला है. अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रनन्द ने कहा कि समिति ये मांग करती है कि केंद्र सरकार को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने और गौकशी पर पूर्ण प्रतिबंध संबंधी बिल जल्द से जल्द संसद में लाना चाहिए और इस बिल को संसद में पास कराना चाहिये.
केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र ने क्या कहा?
गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने की वीएचपी और संत समिति की मांग पर केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र ने भी अपना तर्क दिया है. उन्होंने कहा कि समाज के विभिन्न हिस्सों से जब इस तरह की मांग उठ रही है तो निश्चित तौर पर केंद्र सरकार इसपर विचार करेगी. वहीं कोर्ट ने अपने फैसले में गायों के महत्व को विस्तार से बताते हुए कहा कि अगर देशवासी मौजूदा हालात को लेकर गंभीर नहीं हुए तो भारत के हालात भी अफगानिस्तान में तालिबान के हमले और कब्जे की तरह हो सकते हैं.
गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने को लेकर इलाहाबाद ऊंच न्यायालय के सुझाव से एक तरफ जहां वीएचपी और संत समिति को अपनी पुरानी मांग दोहराने का मौका मिल गया है, वहीं आगामी पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इसपर राजनीति होना भी तय है. लिहाजा उत्तप्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ये मुद्दा तूल पकड़ता नजर आ रहा है.
Next Story