ट्विटर वॉर, ज्योतिरादित्य सिंधिया और जयराम रमेश के बीच हुई बहस
एमपी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. कांग्रेस नेता ने बुधवार को दिन में सिंधिया और गुलाम नबी आजाद पर हमला करते हुए ट्वीट किया कि गुलाम नबी आजाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों ही कांग्रेस सिस्टम और पार्टी नेतृत्व के बड़े लाभभोगी रहे हैं, लेकिन अब हर गुजरते दिन के साथ, वे प्रमाण देते हैं कि इस उदारता के वे योग्य नहीं थे. वे अपना असली चरित्र दिखा रहे हैं, जिसे उन्होंने इतने लंबे समय तक छुपा कर रखा था. जयराम रमेश के सिलसिलेवार हमलों के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पलटवार किया.
मुंह में राम बगल में छुरी! आपके ऐसे वक्तव्य साफ दर्शाते है कि कितनी मर्यादा व विचारधारा कांग्रेस में बची है । वैसे भी आप केवल स्वयं के प्रति समर्पित हैं; इसी से आपकी राजनीति जीवित है। मैं और मेरा परिवार हमेशा जनता के प्रति जवाबदेह रहें है। उन्होंने भी ट्विटर पर जवाब दिया- मुंह में राम बगल में छुरी! आपके ऐसे वक्तव्य साफ दर्शाते है कि कितनी मर्यादा व विचारधारा कांग्रेस में बची है. वैसे भी आप केवल स्वयं के प्रति समर्पित हैं; इसी से आपकी राजनीति जीवित है. मैं और मेरा परिवार हमेशा जनता के प्रति जवाबदेह रहे हैं. इसके बाद जयराम रमेश ने एक और ट्वीट किया और लिखा- क्या वह झांसी की रानी पर सुभद्रा कुमारी चौहान की अमर कविता भूल गए हैं?
इस पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर जवाब दिया- कविताएं कम और इतिहास ज़्यादा पढ़ें. उन्होंने (मराठों ने) दिल्ली साम्राज्य को जीता. मराठा ब्रिटिश वर्चस्व को चुनौती देने के लिए बने रहे, लेकिन मराठा शक्ति ग्वालियर के महादजी सिंधिया की मृत्यु के बाद टुकड़ों में बंट गई. मराठों ने 1782 में दक्षिण में अंग्रेजों को हराया. उत्तर में ग्वालियर के सिंधिया का प्रभुत्व था और दिल्ली के गरीब असहाय सम्राट को नियंत्रित किया.