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Mcleodganj. मकलोडगंज। भारी गर्मी से राहत पाने के लिए आजकल लोग शीतल पेय पदार्थों का सेवन कर, पेड़ों की छाया व घरों में दुबके हुए हैं। वहीं, पर्यटक और स्थानीय लोग नदी-नालों व खड्डों के ठंडे पानी में उतर कर राहत पा रहे हैं। पर्यटक नगरी मकलोडगंज-भागसूनाग के समीप वाटरफॉल में बह रही चरान खड्ड में रोजाना दिन के समय बच्चे, युवा और पर्यटक जान जोखिम में डाल कर गहरे पानी में डुबकियां लगा रहे हैं। पर्यटन नगरी मकलोडगंज स्थित भागसूनाग झरने के नाले में प्रतिबंध के बावजूद पर्यटक नहा रहे है। जिला कांगड़ा में प्रशासन की बार-बार चेतावनियां व संवेदनशील क्षेत्रों में चेतावनी बोर्ड के बावजूद पर्यटक लगातार नदियों-खड्डों व नालों में उतर रहे हैं। बड़े हादसों का शिकार होने के बावजूद पर्यटक लगातार गलतियां कर रहे हैं, जिसका खामियाजा कई बार जान तक गंवाकर चुकाना पड़ता है, वहीं पर्यटन नगरी मकलोडगंज भागसूनाग में अतिरिक्त चैक पोस्ट बनाए जाने की लंबे समय से मांग उठ रही है। बावजूद इसके इस संबंध में सरकार-प्रशासन व पुलिस विभाग की ओर से कोई कदम आगे नहीं बढ़ाया गया है।
इसी तरह से पर्यटन नगरी मकलोडगंज के भागसूनाग वाटरफाल के नाले में पर्यटक खतरे से बेपरवाह होकर नदी-नालों में उतर रहे हैं। इन दिनों मकलोडगंज स्थित भागसूनाग झरने के नाले में पर्यटक बारिश के दौरान उफनते नाले में उतर रहे हैं और जाम भी छलका रहे हैं, लेकिन इन्हें रोकने वाला दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा है। न तो भागसूनाग मंदिर प्रशासन का इस ओर ध्यान है और न ही पुलिस झरने की ओर गश्त कर रही है। भागसूनाग नाले में अचानक जलस्तर बढऩा आम बात है। पर्यटन नगरी मकलोडगंज के भागसूनाग वाटरफाल के नाले में पर्यटक बेपरवाह होकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। किसी भी समय मौत का तांडव मचाने वाले भागसू नाले में पर्यटक डुबकियां लगाकर मौत को न्योता दे रहे हैं। कांगड़ा की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यहां के नदी-नालों के पल-पल बदलते जल स्तर को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने विभिन्न स्थानों पर जागरूकता बोर्ड स्थापित किए हैं। इन जागरूकता बोर्डों के माध्यम से पर्यटकों को सतर्क किया जा रहा है, ताकि वे नदियों में नहाने के लिए न उतरें मकलोडगंज के थाना प्रभारी यादेश कुमार ने कहा कि पुलिस पर्यटकों को नदी-नालों में जाने से रोकने के लिए जागरूक कर रही है। अगर फिर भी पर्यटक नालों में पहुंच रहे हैं तो उन्हें वहां जाने से रोका जाएगा। उन्होंने कहा कि बारिश के दौरान लोगों को नदी-नालों के पास जाने से गुरेज करना चाहिए। जून माह में पहाड़ों पर बारिश के चलते भागसूनाग वाटरफाल के नाले का स्वरूप पल-पल बदलता रहता है।
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