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पेड़ कटान के एवज में पर्यटन विभाग को चुकानी होगी राशि

Shantanu Roy
13 Sep 2023 10:12 AM GMT
पेड़ कटान के एवज में पर्यटन विभाग को चुकानी होगी राशि
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शिमला। हिमाचल में दोनों हेलिपोर्ट निर्माण से पहले पर्यटन विभाग को 65 लाख रुपए चुकाने होंगे। यह राशि वन विभाग को होने वाले नुकसान के एवज में विभाग जमा करेगा। इस राशि के जमा होने के बाद फोरेस्ट क्लीयरेंस में दूसरे चरण की मंजूरी के लिए केस दोबारा पहले शिमला और फिर चंडीगढ़ भेजा जाएगा। बीते करीब 15 दिन में केंद्रीय पर्यटन और पर्यावरण विभाग से दोनों हेलिपोर्ट को मंजूरी मिली है। इनमें अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह में कांगड़ा के रक्कड़ में बनने वाले हेलिपोर्ट को मंजूर किया गया था। इसके बाद अब हमीरपुर के हेलिपोर्ट को भी पहले चरण की मंजूरी मिल गई है। इन दोनों हेलिपोर्ट का निर्माण करीब सवा दो हेक्टेयर जमीन पर होना है। इसमें हमीरपुर के जसकोट में 1.25 हेक्टेयर का चयन हुआ है, जबकि रक्कड़ में यह दायरा 0.98 हेक्टेयर का रहेगा।
हमीरपुर हेलिपोर्ट के एवज में पर्यटन और सिविल एविएशन विभाग को 39 लाख रुपए चुकाने होंगे। यह राशि एमटीवी और सीए के माध्यम से कैंपा में जमा होगी, जबकि रक्कड़ के हेलिपोर्ट के एवज में 26 लाख रुपए जमा करवाने होंगे। इसमें दोनों क्षेत्रों में हेलिपोर्ट निर्माण के दौरान कटने वाले पेड़ों के औसतन मूल्य को शामिल किया गया है। एफसीए की ओर से इस धनराशि की वसूली के लिए चालान पर्यटन विभाग को भेज दिया गया है। चालान की वैद्यता पांच साल तय की गई है। पर्यटन विभाग के माध्यम से यह धनराशि प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (कैंपा) में जमा होगी। इसके बाद कैंपा इस धनराशि का इस्तेमाल हेलिपोर्ट निर्माण के दौरान पेड़-पौधों को होने वाले नुकसान के एवज में किया जाएगा। इसके बाद वन विभाग सदोनों क्षेत्रों में पौधरोपण अभियान चलाएगा।
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