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दिल्ली विश्वविद्यालय के कालेजों में हजारों की संख्या में एडहाक शिक्षक कार्यरत, केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री ने राज्यसभा में दी जानकारी

Apurva Srivastav
2 Feb 2022 6:15 PM GMT
दिल्ली विश्वविद्यालय के कालेजों में हजारों की संख्या में एडहाक शिक्षक कार्यरत, केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री ने राज्यसभा में दी जानकारी
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दिल्ली विश्वविद्यालय के अलग-अलग कालेजों में कुल 4,267 एड हाक (तदर्थ) शिक्षक कार्यरत हैं। केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार ने बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में बुधवार को यह जानकारी दी है।

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के अलग-अलग कालेजों में कुल 4,267 एड हाक (तदर्थ) शिक्षक कार्यरत हैं। केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार ने बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में बुधवार को यह जानकारी दी है। उन्होंने एक लिखित सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है।

सत्र के दौरान साझा किए आंकड़े
केंद्रीय मंत्री द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के रामजस कालेज में 137 सबसे ज्यादा एड हाक शिक्षक हैं। इसके बाद श्री वेंकटेश्वर कालेज में 131, देशबंधु कालेज में 127 और कालिंदी कालेज फार विमेन में 120 शिक्षक हैं।
यूजीसी विनियम, 2018 के तहत नियुक्ति
मंत्री सुभाष सरकार ने बताया कि "विभिन्न कालेजों और संस्थानों में शिक्षण स्टाफ की नियुक्ति विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विनियम, 2018 में निर्धारित पात्रता मानदंड के अनुरूप विश्वविद्यालय के अध्यादेश XVIII के तहत परिकल्पित चयन समिति की सिफारिश पर कालेजों के शासी निकाय द्वारा की जाती है। साथ ही उन्होंने बताया कि यूजीसी विनियम, 2018 में अस्थायी और तदर्थ शिक्षकों की सेवाओं को एकमुश्त आमेलन के माध्यम से स्थायी आधार पर नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं है।
11 फरवरी तक चलेगा बजट सत्र का पहला हिस्सा
गौरतलब है कि संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ था। बजट सत्र का पहला भाग 31 जनवरी से 11 फरवरी तक और दूसरा भाग 14 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगा। बुधवार को संसद में बजट सत्र के दौरान केंद्रीय बजट-2022 पेश किया गया। जिसमें देश की आम जनता की हितों को लेकर कोई खास घोषणा नहीं की गई, लेकिन आयकर से संबंधी कई अहम बदलाव हुए। अब इनकम टैक्स रिटर्न (आइटीआर) फाइलिंग को दो साल तक अपडेट करने की सुविधा घोषित की गई। लेकिन अपडेट फाइलिंग की यह सुविधा निशुल्क नहीं होगी और इसके लिए टैक्स भी देना होगा। आइटीआर को एक साल के भीतर अपडेट करने पर अघोषित आय पर 25 फीसदी टैक्स देना होगा। अगर दूसरे साल आइटीआर अपडेट करते हैं तो अघोषित आय पर 50 फीसदी टैक्स देना होगा।
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