शिमला। हिमाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिंदल ने कहा है कि यह जश्न मनाने का वर्ष नहीं हैं, ऐसे में क्या कांग्रेस सरकार 11 दिसम्बर को आपदा का जश्न मनाएगी? उन्होंने कहा कि भाजपा 11 दिसम्बर को जिला स्तर पर इस जश्न का विरोध करेगी। इसके अलावा 12 दिसम्बर को मंडी एवं 18 दिसम्बर को कांगड़ा जिला में भी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। डाॅ. राजीव बिंदल यहां पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिस सरकार ने 1500 खुले संस्थान बंद किए, 10 हजार आऊटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, 22 लाख महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह नहीं दिए, युवाओं को वर्ष में 1 लाख सरकारी नौकरी नहीं दी, सेब बेचने के दाम तय नहीं किए तथा पशुपालकों का दूध व गोबर नहीं खरीदा तो ऐसे में सरकार किस बात का जश्न मना रही है। बिंदल ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने हाटी समुदाय को जनजातीय का दर्जा दिया, इसको रोकने का अधिकार राज्य सरकार को नहीं हैं। उन्होंने झारखंड से राज्यसभा के कांग्रेस सांसद धीरज साहू के घर से 200 करोड़ रुपए की नकदी मिलने पर कांग्रेस आलाकमान की चुप्पी पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि धीरज साहू को कांग्रेस पार्टी की तरफ से 3 बार राज्यसभा का सांसद बनाया गया है। इसके अलावा उनके भाई 2 बार लोकसभा के सांसद रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज्यसभा सांसद के घर से अब तक 157 बैग में रखे नोटों की गिनती हो चुकी है तथा गिनती का यह क्रम जारी है, ऐसे में नकदी का यह आंकड़ा 300 करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग की तरफ से प्रत्यक्ष तौर पर यह कार्रवाई की गई है, जिसका कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं के पास कोई जवाब नहीं है। इस परिवार की सीधे तौर पर कांग्रेस के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार से नजदीकियां रही है लेकिन आज उस परिवार के नेता जवाब देने से पीछे हट रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई होना केंद्र सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरैंस की नीति को दर्शाता है। डाॅ. राजीव बिंदल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्टोन क्रशर में जिस 100 करोड़ रुपए के घोटाले की बात कह रहे हैं, वह उसकी जांच करवा ले। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस समय कांग्रेस की सरकार है और उसको सच्चाई सामने लानी चाहिए। उन्होंने जानना चाहा कि प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के समय क्यों कुछ क्रशर को खोलने की अनुमति देकर मेहरबानी की गई। उन्होंने कहा कि स्टोन क्रशरों के बंद रहने से प्रदेश में लोगों को कई गुणा अधिक दाम पर बाहरी राज्यों से निर्माण सामग्री खरीदने के लिए बाध्य होना पड़ा।