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विदेश में भारतीय मजदूर के साथ ऐसा व्यवहार...हाथ कटा तो मालिक ने सड़क किनारे फेंका
jantaserishta.com
22 Jun 2024 10:43 AM GMT
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फलों की टोकरी में डाल कर चला गया।
नई दिल्ली: इटली के एक खेत में काम करने वाले मजदूर की दर्दनाक मौत के बाद वहां काम कर रहे भारतीय मजदूरों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए है। 31 वर्षीय सतनाम सिंह की बुधवार को रोम के एक अस्पताल में मौत हो गई। दो दिन पहले रोम में एक ग्रामीण क्षेत्र एग्रो पोंटिनो में खेत में काम करते समय वह घायल हो गए थे। दो दिनों तक अस्पताल में जूझने के बाद उसकी मौत हो गई। वह कथित तौर पर पंजाब के मोगा के रहने वाले थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खेत में काम करते समय जब मशीन की वजह से उसका हाथ काट गया तो मालिक ने उन्हें सड़क के किनारे फेंक दिया। इतना ही नहीं उनके हाथ के हिस्से को फलों की टोकरी में डाल कर चला गया।
प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने गुरुवार को कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करते हुए इसकी निंदा की। उन्होंने कहा, "ये अमानवीय घटना है और मुझे उम्मीद है कि इस बर्बरता के लिए कठोर सजा दी जाएगी।" वहीं देश के कृषि और श्रम मंत्री ने भी मामले पर संज्ञान लिया है।
फार्म के मालिक रेंजो लोवेटो ने दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया है। लेकिन उसका कहना है कि सिंह को उस मशीन के करीब न जाने की चेतावनी दी गई थी जिससे उसे चोट लगी। लोवेटो ने आरएआई को बताया, "कर्मचारी ने अपने तरीके से ऐसा किया। दुर्भाग्य से यह लापरवाही थी।" रॉयटर्स के रिपोर्ट मुताबिक सरकारी वकील ने एक ईमेल में कहा है कि लोवेटो के बेटे पर हत्या के आरोपों के तहत जांच शुरू हो गई है, जिसने कथित तौर पर सिंह को उसके घर के बाहर छोड़ दिया था।
कुछ राजनेताओं और ट्रेड यूनियनों ने कहा कि इस घटना ने "कैपोरालाटो" के मुद्दे पर रोशनी डाली है। कैपोरालाटो, एग्रो पोंटिनो और इटली के दूसरे हिस्सों में आम तौर पर प्रवासी श्रमिकों को काम पर रखने की एक अवैध गैंगमास्टर सिस्टम है। परिवार के वकील रिघी ने उन रिपोर्टों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि सतनाम सिंह और उनकी पत्नी को अवैध रूप से काम पर रखा गया था। इटली के सबसे बड़े ट्रेड यूनियन सीगिल की मारिया ग्राज़िया गेब्रियली ने इसे खेत मजदूरों द्वारा सहन की जाने वाली गुलामी जैसी परिस्थितियों से जोड़ा है। उन्होंने घटना की निंदा की है। उन्होंने एक बयान में कहा, "खेतों में शोषण होता है और अक्सर मजदूर को भुखमरी का सामना करना पड़ता है। असुरक्षित और अमानवीय काम करवाया जाता है। उनके साथ मानसिक और शारीरिक हिंसा होती है।"
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