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ये हैं दुनिया के खतरनाक एयरपोर्ट, भारत का लेह भी शामिल

jantaserishta.com
27 Nov 2021 3:18 AM GMT
ये हैं दुनिया के खतरनाक एयरपोर्ट, भारत का लेह भी शामिल
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नई दिल्ली: सेंट हेलेना के मिड अटलैंटिक आईलैंड पर बने हवाई अड्डे को दुनिया का सबसे बेकार एयरपोर्ट कहा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि क्लिफसाइड रनवे पर हवाओं का रुख एयरपोर्ट की लैंडिंग का खतरनाक बनाता है. यह एयरपोर्ट तैयार है और काम कर रहा है. लेकिन एयरपोर्ट के C कैटेगरी में होने की वजह से यहां प्लेन लैंड करने वाले पायलट को खास ट्रेनिंग लेनी पड़ती है. क्या आप जानते हैं दुनिया में ऐसे और भी कई एयरपोर्ट हैं जहां विमान लैंड कराना जान जोखिम में डालने से कम नहीं है.

मैडेरा, पुर्तगाल- मैडेरा में वैकेशन पर गए लोगों को पता होगा कि ये जगह जहाजों की लैंडिंग के लिए बड़ी बदनाम है. कई बार खतरों को देखते हुए यहां विमानों की लैंडिंग होती ही नहीं है. ऊंची जगहों से सटे होने के कारण यहां कटीली हवाओं का रुख अक्सर मुश्किल खड़ी कर देता है. लैंडिंग के वक्त ये घातक साबित हो सकता है.
सिंट मार्टेन- सिंट मार्टेन पर लैंड करने वाले विमानों के वीडियो देखने के लिए आपको बहुत मशक्कत करने की जरूरत नहीं है. कैरेबियन एयरपोर्ट पर उतरने वाले विमानों की फुटेज से सोशल मीडिया भरा पड़ा है. इसका रनवे समुद्र तट के बिल्कुल पीछे बना हुआ है, इसलिए बीच पर मौजूद लोगों के ठीक सिर के ऊपर से विमान जाते हैं. लोगों को यह देखकर मजा आता है, लेकिन ये बेहद खतरनाक है. 2017 में एक विमान के इंजन में ब्लास्ट होने से यहां एक महिला की मौत भी हो गई थी. महिला वहां तमाम पर्यटकों की तरह स्विमसूट पहने एयरपोर्ट की फिंस पर लटकी हुई थी.
पारो, भूटान- पारो भूटान का इकलौता इंटरनेशनल एयरपोर्ट है जो समुद्र तल से करीब 7,364 फीट ऊंचाई पर बना हुआ है. अभी तक कुछ ही पायलट को वहां जाने की मंजूरी मिली है. यहां केवल अच्छी विजिबल कंडीशन में ही विमान लैंड कराया जा सकता है. यहां रडार ना होने के कारण मैनुअल अप्रोच लेनी चाहिए. रनवे पर उतरने से पहले पहाड़ों और घरों का भी ख्याल रखना पड़ता है.
लंदन, यूके- ब्रिटेन की राजधानी लंदन के ऊपर से हवाई यात्रा इन दिनों असामान्य हो गई है. लेकिन इस शहर के ऊपर से जब कोई विमान गुजरता है तो गगनचुंबी इमारतों और कैनेरे वॉर्फ के घाट बहुत करीब नजर आते हैं. रनवे पर विमान बिल्कुल खड़े एंगल के साथ लैंड करते हैं. यहां आप हेलीकॉप्टर में लैंड होने जैसा महसूस करेंगे.
रीगन नेशनल एयरपोर्ट, यूएसए- जून 2021 में जब फ्रंटियर एयरलाइंस का एक विमान डीसी के रोनाल्ड रीगन में रनवे पर फिसल गया था तो एक यात्री ने इसे डरांवना बताया था. यहां पोटोमिक रिवर के पास बने रनवे पर लैंडिंग के लिए एक शार्प टर्न बनता है जो कई बार पायलट के लिए मुश्किल खड़ी कर देता है.
लेह, भारत- लेह में दुनिया का 23वां सबसे ऊंचा एयरपोर्ट बना है. यह सुनकर शायद आप हैरान ना हों. एयरपोर्ट समुद्र तल से करीब 10,682 फीट ऊंचाई पर है. एक छोटे रनवे के साथ चारों ओर पहाड़ों से घिरा यह एयरपोर्ट बेहद जोखिमभरा है. दोपहर के वक्त हवाएं बहुत तेज होती है, इसलिए फ्लाइट सिर्फ सुबह ही लैंड कर सकती है. दूसरा, यहां भारी विमान नहीं जा सकते हैं. पायलट को यहां जाने से पहले स्पेशल ट्रेनिंग लेनी पड़ती है.
इंसब्रक, ऑस्ट्रिया- पहाड़ों से घिरी टायरॉल की राजधानी एक टॉप स्कीइंग डेस्टिनेशन है और उड़ानों के लिहाज से खास है. यहां विमान उड़ा रहे पायलटों के लिए अलग तरह की चुनौतियां होती हैं. रनवे पर उतरने वाले विमानों को लगभग 8,000 फुट ऊंचाई से नोंक की सीध में नीचे लाना पड़ता है. पहाड़ों से टकराती हवाएं और उनकी दिशाओं का भी खास ध्यान रखना पड़ता है.
कोंगोन्हास, ब्राजील- साओ पाउलो के डोमेस्टिक एयरपोर्ट पर जल निकासी की समस्या थी. इसके चलते साल 2007 में एक दुर्घटना भी हो गई थी. इसे ठीक करने के लिए रनवे पर फिर से काम शुरू किया गया. हालांकि यहां विमान लैंड कराना आज भी आसान काम नहीं है. यह शहर के ठीक बीचोबीच एक सिंगल रनवे है जो 1930 में शुरू हुआ था. लैंडिंग के वक्त विमान आस-पास के अपार्टमेंट ब्लॉक्स और घर की छतों के ऊपर से गुरजते हैं.
लुकला, नेपाल- चारों ओर पहाड़, कटीली हवाएं और छोटा रनवे, ये सभी बातें नेपाल के इस एयरपोर्ट को खतरनाक बनाती हैं. कई बार इसे दुनिया का सबसे खतरनाक एयरपोर्ट भी कहा जाता है. इसका रनवे पहाड़ों के बीच एक चट्टान पर बिछाया गया है, जिसकी लंबाई सिर्फ 1,729 फीट है. रनवे के आगे गहरी खाई है. विमानों की रफ्तार धीमी करने के लिए यह रनवे आगे की तरफ से थोड़ा उठा हुआ है.
सेंट हेलेना- तेज हवा और क्लिफसाइड एयरपोर्ट होने की वजह से यहां लैंडिंग के वक्त यात्रियों को झटके महसूस होते हैं. इसलिए लैंडिंग के समय लॉन्गवुड प्लेन के नजारों पर आंखें जमाए रखिए जहां से नेपोलियन को हटाया गया था. इस रनवे को पहले छोटे विमानों के लिए ही डिजाइन किया गया था, लेकिन बाद में इसे बोइंग 757 के लिए बढ़ाया गया.

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