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Lok Sabha चुनाव की समीक्षा के बाद अब और होंगे बदलाव

Shantanu Roy
20 July 2024 9:22 AM GMT
Lok Sabha चुनाव की समीक्षा के बाद अब और होंगे बदलाव
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Shimla. शिमला। लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा के बाद कांग्रेस संगठन में बड़े बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। संगठन में उन पदाधिकारियों को बदला जा सकता है, जिनका प्रदर्शन फील्ड में उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा है। इसकी शुरुआत कांग्रेस से जुड़े संगठनों से शुरू हो चुकी है। सबसे पहले हिमाचल किसान कांग्रेस की कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया है। कार्यकारिणी में वे तमाम पदाधिकारी बाहर कर दिए गए हैं, जिनका लोकसभा चुनाव में योगदान न के बराबर रहा है। दरअसल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में वार रूम की स्थापना पार्टी मुख्यालय शिमला में की थी। अब संगठनों के कामकाज की रिपोर्ट वार रूम में जमा तथ्यों के आधार पर ही तैयार हो रही है। इस रिपोर्ट में जिन पदाधिकारियों ने वार रूम के सभी दिशा-निर्देश पूरे नहीं किए हैं। उन्हें संगठन के अहम ओहदों से हटाया जा सकता है। समीक्षा के सिक्के का दूसरा पहलू उन पदाधिकारियों को राहत के रूप में भी सामने आया है, जो फील्ड में डटे थे, लेकिन उनके काम की रिपोर्ट
आलाधिकारियों तक नहीं पहुंच पा रही थी।

उन्हें अब लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव के बाद संगठन में बड़े पदों पर काम करने का अवसर दिया जा सकता है। गौरतलब है कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा करने के लिए दिल्ली से दो सदस्यीय टीम हिमाचल आई थी। इस टीम ने दो दिन मुख्यमंत्री, प्रदेशाध्यक्ष, उपमुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों, चारों लोकसभा सीटों के प्रत्याशियों सहित विधायकों और ब्लॉक स्तर तक के पदाधिकारियों से हारने के कारणों पर रिपोर्ट हासिल की है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही अब कांग्रेस भी आत्ममंथन के तौर प्रदेश में निष्क्रिय पदाधिकारियों को पदमुक्त करने की योजना पर काम कर रही है। कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी का गठन 2022 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुआ था। कार्यकारिणी का गठन तीन साल के लिए हुआ है। उस समय चुनाव न लडऩे की शर्त पर प्रतिभा सिंह को प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था। प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह का कार्यकाल अगले साल खत्म हो रहा है। प्रतिभा सिंह के कार्यकाल में कांग्रेस ने विधानसभा का चुनाव जीता है। इसके अलावा उपचुनाव में भी कांग्रेस नौ में से छह सीटें जीतने में कामयाब रही है। हालांकि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। चारों सीटों में हार के साथ ही कांग्रेस मंडी की सीट भी हार गई।
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