भारत

कम उम्र में थैरेपी से दिव्यांगता का असर होगा कम

Shantanu Roy
23 April 2024 1:10 PM GMT
कम उम्र में थैरेपी से दिव्यांगता का असर होगा कम
x
कुल्लू। सांफिआ फाउंडेशन कुल्लू ने सोमवार को चामुंडा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड नर्सिंग कॉलेज मौहल में समावेशी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान संस्थान की छात्राओं व अध्यापकों को विभिन्न सत्रों के माध्यम से दिव्यांगता पर आधारित जानकारी दी। कार्यक्रम प्रबंधक सांफिया फाउंडेशन बाजू ने पहले सत्र में सांफिआ फाउंडेशन के उद्देश्य एवं कार्यप्रणाली पर प्रकाश डाला। फाउंडेशन द्वारा दिव्यांगता के क्षेत्र में दी जाने वाली तीन तरह की सेवाओं के बारे में जानकारी दी। जिसमें पहले कार्यक्रम के तहत कुल्लू के अखाड़ा बाजार में आश बाल विकास केंद्र नामक केंद्र पर विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए थेरेपी सेवाएं प्रदान की जाती है। दूसरे कार्यक्रम के तहत थेरेपी ऑन व्हील्स नामक एक बस के माध्यम से दिव्यांगों को उनके घर जाकर थेरेपी सेवाएं उपलब्ध कराई जाती है। वहीं हमारे तीसरे काय्र्रकम के अंतर्गत समावेशी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

जहां हम जागरूकता अभियानों के माध्यम से लोगों को दिव्यांगता के विषय में जागरूक करते हैं। वहीं सांफिआ फाउंडेशन के निदेशक डा. रेखा ठाकुर ने फिजियोथैरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी, स्पीच थेरेपी और स्पेशल एजुकेशन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने दिव्यांगता के प्रकारों के बारे में भी जानकारी दी और बताया कि छोटी उम्र में दिव्यांगता को थेरेपी के माध्यम से कैसे कम किया जा सकता है। उन्होंने कॉलेज में कार्यक्रम करवाने के लिए चेयरमैन डा. बीके बाली का धन्यवाद किया। इस मौके पर एस प्रमात्मा प्रधानाचार्य चामुंडा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड नर्सिंग कॉलेज मौहल ने कहा कि कॉलेज प्रशासन आने वाले समय में दिव्यांग्ता के क्षेत्र में हर संभव सहयोग करने के लिए तैयार रहेगा। इस दौरान उपप्रधानाचार्या पवना, सह-प्राध्यापक रित्तिका, क्लिनिकल इंस्ट्रक्टर सानू तथा आश बाल विकास केंद्र से मौनू तथा सन्नी विशेष रूप से मौजूद रहे।
Next Story