
मंडी। 13वें राष्ट्रीय शिल्प मेले का चंडीगढ़ के कलाग्राम में भव्य शुभारंभ हुआ। इस मौके पर पंजाब के राज्यपाल एवं यूटी के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने बतौर मुख्य अतिथि पहुंचकर मेले का पारंपरिक व विधिगत उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारा देश पूरे विश्व में विविधताओं में एकता का प्रतीक है। इस तरह के क्राफ्ट मेले के जरिए देश की कलाकृतियों व संगीत लहरियों के माध्यम से भारत की पुरातन कला व संस्कारों को नवजीवन मिलता है। आज की युवा पीढ़ी अपनी पुरातन लोक संस्कृति को भूलती जा रही है।
ऐसे में युवाओं को विभिन्न राज्यों की संस्कृति और शिल्पकारी को करीब से जानने का मौका मिलता है। इस मौके पर सुरमय शाम का आगाज लोक और शास्त्रीय नृत्य पर आधारित अधस्वागतम व फिनाले से हुआ, जिसमें मांडव्य कला मंच के कलाकारों ने 18 राज्यों के 200 कलाकारों के साथ मनमोहक प्रस्तुति दी। इसके अतिरिक्त मांडव्य कला मंच के कलाकारों ने हिमाचल की आभा विखेरते हुए मंडी जनपद के लोक नृत्य लुड्डी से भी खूब रंग जमाया। हिमाचल का प्रतिनिधित्व करते हुए मंच के संस्थापक व संस्कृति कर्मी कुलदीप गुलेरिया ने बताया कि मांडव्य कला मंच के 9 कलाकारों आयुष, हरिचरण, अमित, चेतन, कनिका, कोमल, श्रेया ठाकुर और श्रेया कुमारी ने नेशनल क्राफ्ट मेले में भाग लिया।
