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तेज गर्मी से बढ़ा डिहाइड्रेशन का खतरा, मरीजों की संख्या में 30 प्रतिशत का हुआ इजाफा

jantaserishta.com
14 May 2025 7:10 AM GMT
तेज गर्मी से बढ़ा डिहाइड्रेशन का खतरा, मरीजों की संख्या में 30 प्रतिशत का हुआ इजाफा
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नोएडा: गौतमबुद्ध नगर जिले के सरकारी अस्पतालों में इन दिनों डिहाइड्रेशन के मरीजों की संख्या में 30 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है। खासकर मजदूर वर्ग और बाहरी काम में लगे लोग इस मौसम में अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
तेज धूप और अस्थिर मौसम के चलते आमजन को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आईएमडी (भारतीय मौसम विभाग) की वेबसाइट पर जारी ताजा मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, आने वाले एक सप्ताह में तापमान 38 से 41 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। 14 मई और 15 मई को दिन के समय तेज हवाएं चलने की संभावना जताई गई है, वहीं 16 मई को गरज-चमक के साथ बारिश की चेतावनी दी गई थी।
इसके बाद 17 मई से 20 मई तक मौसम आंशिक रूप से बादलों से घिरा रहेगा, लेकिन तापमान में विशेष गिरावट नहीं देखने को मिलेगी। 17 और 18 मई को अधिकतम तापमान 40 डिग्री, जबकि न्यूनतम 27-28 डिग्री रहेगा। 19 और 20 मई को हल्की गिरावट के साथ तापमान 38-39 डिग्री तक रहेगा। वहीं, ह्यूमिडिटी का स्तर भी बढ़ रहा है, जो गर्मी के असर को और अधिक खतरनाक बना रहा है। 14 मई को ह्यूमिडिटी 58 प्रतिशत रहेगी, जो 20 मई तक बढ़कर 75 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है।
गर्मी और नमी दोनों मिलकर शरीर से पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) को तेजी से बढ़ाते हैं। सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों के अनुसार, डिहाइड्रेशन के मामले सामान्य से काफी ज्यादा सामने आ रहे हैं। अधिकतर मरीज मजदूर वर्ग के हैं, जो खुले में धूप में कार्य करते हैं और पर्याप्त पानी नहीं पी पाते। इनमें से कई मरीज चक्कर आना, कमजोरी, अत्यधिक पसीना आना और उल्टी जैसी समस्याओं के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मौसम में खुद को हाइड्रेट रखना बेहद जरूरी है। घर से बाहर निकलते समय पानी की बोतल साथ रखें, हल्के और ढीले कपड़े पहनें और सीधे धूप से बचें। मौसम विभाग की ओर से अगले कुछ दिनों तक कोई विशेष चेतावनी नहीं दी गई है, लेकिन तापमान और नमी के स्तर को देखते हुए सतर्क रहने की आवश्यकता है। गर्मी और मौसम के इस बदलते रुख के बीच, आमजन को सावधानी बरतने और समय-समय पर शरीर में पानी की कमी पूरी करने की सलाह दी जा रही है, ताकि डिहाइड्रेशन जैसी गंभीर समस्या से बचा जा सके।
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