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सदन में गूंजा करुणामूलक आधार पर नौकरी देने का मामला

Shantanu Roy
20 Sep 2023 9:54 AM GMT
सदन में गूंजा करुणामूलक आधार पर नौकरी देने का मामला
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शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान करुणामूलक आधार पर नौकरी देने का मामला गूंजा। प्रश्नकाल में विधायक केएल ठाकुर ने इस मामले को उठाया तथा सवाल किया कि प्रदेश में करुणामूलक आधार पर नौकरी के कितने मामले लंबित हैं तथा सरकार इन्हें नौकरी देने के लिए आय सीमा को बढ़ाए। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने भी अनुपूरक सवाल किया, जिसके जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान सरकार इन्हें नौकरी देने के लिए गंभीरता से विचार-विमर्श कर रही है तथा उसके बाद निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने सदन में जानकारी दी कि राज्य में करुणामूलक आधार पर नौकरी के 1343 मामले लंबित हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने सवाल किया कि सरकार करुणामूलक आश्रितों को रोजगार देने का कार्य कब शुरू करेगी। जब करुणामूलक आश्रित धरने पर बैठे थे तो तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष व वर्तमान उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने उन्हें सत्ता में आते ही नौकरी देने की बात कही थी लेकिन अब 9 माह बीत चुके हैं। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने 2000 करोड़ रुपए की पाइपें आनन-फानन में खरीदीं तथा जो पाइपें खरीदी जानी चाहिए थीं, वे नहीं खरीदीं। विधायक अनिल शर्मा के सवाल के जवाब में अग्निहोत्री ने कहा कि आपदा से जल शक्ति विभाग को 2100 करोड़ का नुक्सान हुआ है तथा जल जीवन मिशन के अंतर्गत 600 करोड़ का नुक्सान उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि पहली प्राथमिकता पीने के पानी को मुहैया करवाने की है। उसके बाद सीवरेज का नंबर है।
अनिल शर्मा ने पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहा कि 26 वर्ष पहले मंडी की सीवरेज योजना के उद्घाटन के मौके पर उनको स्टेज से उठा दिया था तथा वह पहली बार जेल गए थे। राजनीति में यह सब चलता रहता है। विधायक राजेश धर्माणी के सवाल के जवाब में हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग में प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया का युक्तिकरण किया जाएगा। सरकार इस पर विचार करेगी। इससे पहले स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डाॅ. धनीराम शांडिल ने कहा कि प्रतिनियुक्ति को लेकर पॉलिसी बनाने की आवश्यकता है।
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