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आग से जंगल बचाने को विभाग ने झोंकी ताकत

Shantanu Roy
27 April 2024 9:55 AM GMT
आग से जंगल बचाने को विभाग ने झोंकी ताकत
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शिमला। प्रदेश में फायर सीजन शुरू हो चुका है। जंगलों को आग से बचाने के लिए वन विभाग ने व्यापक तैयारियां पूरी कर ली हैं। कर्मचारियों की छुट्टियों पर ब्रेक लगाई गई है। फील्ड और आफिस के स्टाफ को सीजन के दौरान अवकाश न देने के आदेश पत्र के माध्यम से सभी वन मंडलों को जारी कर दिए हैं। इसके अलावा संवेदनशील इलाकों में टीमें भी तैनात कर दी हैं। वन विभाग की टीम ग्रामीणों से मीटिंग कर अग्निकांड की जानकारी देने और आग बुझाने में वन विभाग की मदद करने का आह्वान कर रही हैं। पिछले साल 15 अप्रैल से शुरू हुए फायर सीजन में वन विभाग को 16 लाख 86 हजार रुपए का नुकसान हुआ था और अग्निकांड की घटनाओं से 665 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ था। इनमें सबसे ज्यादा 21 घटनाएं धर्मशाला में हुई थी। यहां 48 हेक्टेयर में नई पौध भी आग की भेंट चढ़ी थी। इन घटनाओं में 120 हेक्टेयर ऐरिया प्रभावित हुआ और दो लाख 59 हजार 780 रुपए का नुकसान आंका गया था।
अग्निकांड के मामले में नाहन में 20 घटनाओं में 63 हजार 500, हमीरपुर में 17 घटनाओं में 85 हजार 172, मंडी में 15 घटनाओं में पांच लाख 11 हजार, चंबा में आठ घटनाओं में 2600 रुपए, सोलन में पांच घटनाओं में एक लाख 70 हजार, रामपुर में चार घटनाओं में 40 हजार, कुल्लू में तीन घटनाओं में चार लाख 49 हजार, बिलासपुर दो घटनाओं में एक लाख और जीएनपी कुल्लू में एक घटना में कोई नुकसान पंजीकृत नहीं हुआ है। सभी वन मंडलों में फोरेस्ट टास्क फोर्स का गठन करने और टास्क फोर्स को एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए सुविधा मुहैया करवाने सहित फोरेस्ट फायर अलर्ट सिस्टम को विकसित करने और नोडल आफिसर की टीम के मोबाइल नंबर और ई-मेल दुरुस्त करने के आदेश दिए हैं। वन संरक्षण और अग्नि नियंत्रण (ईपी एंड एफसी) की ओर से जारी हुए पत्र में गर्मियों में अग्रिकांड से होने वाले नुकसान का आकलन बरसात के बाद करने के आदेश दिए हैं। यह आकलन फोरेस्ट फायर मैनुअल 2018 के अनुसार किया जाएगा। इस दौरान सभी जांच रिपोर्ट भी अपलोड करने को कहा गया है। जबकि सभी संवेदनशील बीट, ब्लॉक और रेंज की जानकारी मुहैया करवाने के भी आदेश दिए हैं। वन विभाग ने इस बार अग्निकांड को रोकने के लिए खास तैयारी करने की बात कही है।
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