x
पालमपुर। नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि क्रशर बंद करने का निर्णय लोगों को चिन्हित कर लिया गया है तथा कांग्रेस नेताओं तथा उनके रिश्तेदारों के क्रशर बदस्तूर जारी हैं। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार टांडा मेडिकल कॉलेज के समीप हथियारों तथा नशीली दवाओं का मिलना इंगित करता है कि यह माफिया किसी संरक्षण में कार्य कर रहा है। पालमपुर के ठाकुरद्वारा में पत्रकारों से बातचीत में जयराम ठाकुर ने कहा कि क्रशर बंद करने से जहां रेत-बजरी के दाम बढ़ेंगे, वहीं सीमैंट के दाम बढ़ाने भी सरकार जा रही है, ऐसे में आपदा प्रभावित लोगों द्वारा पुनर्वास के लिए जो निर्माण कार्य किया जाना है वह प्रभावित होगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान सरकार की लोकप्रियता में 9 माह की अवधि में ही जिस प्रकार की गिरावट आई है वह इससे पहले कभी नहीं हुई, लोग चौक-चौराहों पर अब सरकार के विरुद्ध आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अंदर नेता, विधायक तथा मंत्री भी कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठाने लगे हैं। एक कार्यकारी अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर प्रदेश सरकार को अपनी कमिटमैंट के संदर्भ में स्मरण दिलवाया है तो एक पूर्व अध्यक्ष ने पत्रकार वार्ता में सरकार में सब अच्छा न चलने तथा कार्यकर्ताओं की बात न सुने जाने की बात कही है, वहीं मंत्री भी एक-दूसरे के विरुद्ध बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर प्रदेश में अव्यवस्था का दौर चल रहा है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि जल्द विधानसभा के सत्र में प्रभावितों की तरफ से उठाई जा रही जमीन के बदले जमीन और मकान के बदले मकान देने की मांग को प्रमुखता से उठाएंगे। पूरा प्रदेश आपदा के दौर से गुजर रहा है परंतु प्रभावितों को राहत देने की बजाय सरकार राजनीति कर रही है। हम जिस भी जगह जा रहे हैं, जिनसे भी मिल रहे हैं, हर जगह से एक ही बात सामने आ रही है, लोगों के घर और जमीनें भारी बरसात से बह गई हैं। अब लोग बेघर हैं, उन्हें रहने के लिए जगह नहीं है। हालांकि अभी प्रशासन ने प्रभावितों को राहत शिविरों में ठहराया है। लोगों के लिए सरकार अब तक कोई स्थायी हल नहीं निकाल पाई है। केंद्र सरकार ने आपदा प्रभावितों के लिए घर स्वीकृत कर दिए हैं परंतु राज्य सरकार प्रभावितों को देने के लिए जगह तक चिन्हित नहीं कर पाई है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री का केंद्र से सहायता न मिलने संबंधी बयान राजनीतिक बयान है जबकि सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार की ओर से पहले गृह मंत्रालय की ओर से 364 करोड़ रुपए, उसके पश्चात 190 करोड़ रुपए, फिर 200 करोड़ रुपए तथा सीआरएफ के अंतर्गत नितिन गडकरी की ओर से 400 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की गई। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत प्रदेश को 2700 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की गई है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित लोगों की सुध लेने के स्थान पर कांग्रेस के नेता तथा मंत्री मात्र प्रभावित क्षेत्रों में जाकर सैल्फी ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास जो राज्य का धन होता है उसे परिस्थितियों के अनुसार जारी किया जाता है जबकि केंद्र सरकार ने दिसम्बर में दी जाने वाली धनराशि को आपदा के दृष्टिगत एडवांस में ही जारी कर दिया परंतु इसके लिए केंद्र का धन्यवाद करने के स्थान पर मुख्यमंत्री तथा मंत्री मात्र राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं।
Tagsहिमाचल प्रदेश न्यूज हिंदीहिमाचल प्रदेश न्यूजहिमाचल प्रदेश की खबरहिमाचल प्रदेश लेटेस्ट न्यूजहिमाचल प्रदेश क्राइमहिमाचल प्रदेश न्यूज अपडेटहिमाचल प्रदेश हिंदी न्यूज टुडेहिमाचल प्रदेश हिंदीन्यूज हिंदी हिमाचल प्रदेशहिमाचल प्रदेश हिंदी खबरहिमाचल प्रदेश समाचार लाइवHimachal Pradesh News HindiHimachal Pradesh NewsHimachal Pradesh ki KhabarHimachal Pradesh Latest NewsHimachal Pradesh CrimeHimachal Pradesh News UpdateHimachal Pradesh Hindi News TodayHimachal Pradesh HindiNews Hindi Himachal PradeshHimachal Pradesh Hindi KhabarHimachal Pradesh news updatehimachal pradesh news livehimachal pradesh news
Shantanu Roy
Next Story