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मिला इंसाफ: दरिंदे को मिली सजा-ए-मौत, जानें हैरान करने वाला मामला

jantaserishta.com
17 Sep 2023 11:08 AM GMT
मिला इंसाफ: दरिंदे को मिली सजा-ए-मौत, जानें हैरान करने वाला मामला
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रेप किया और फिर जला दिया था शव.
कैथल: हरियाणा की कैथल जिला कोर्ट ने अपने इतिहास में पहली बार किसी अपराधी को मौत की सजा सुनाई है. मासूम बच्ची से रेप करने वाले आरोपी को सजा-ए-मौत सुनाई गई है. आरोपी ने 11 महीने पहले पड़ोस में रहने वाली 7 साल की मासूम से दरिंदगी करने के बाद उसकी हत्या कर दी थी औ शव को जला दिया था.
दरअसल, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. गगनदीप कौर सिंह की अदालत में एक 7 साल की बच्ची के साथ रेप और उसके बाद निर्ममता से हत्या करने के दोषी को फांसी की सजा सुनाई है. कैथल के इतिहास में यह पहला ऐसा फैसला है कि किसी दोषी को मौत की सजा दी गई हो.
अदालत ने जिला विधिक सेवाएं प्राधिकारण के माध्यम से बच्ची के माता पिता को 30 लाख रुपए मुआवजा भी देने के आदेश दिए हैं. यह मुआवजा राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा. इसके अतिरिक्त अलग-अलग अपराधों में दोषी पर 13 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.
इस बारे में बच्ची के पिता ने 8 अक्टूबर को थाना कलायत में धारा 365, 366, 376-ए बी 302, 201 आईपीसी और धारा 6 पोक्सो एक्ट के तहत केस नंबर 395 दर्ज किया गया था. बाद में जांच के बाद केस में आईपीसी की धारा 376 (3) भी जोड़ी गई थी. केस की विशेष बात यह रही कि पुलिस ने मात्र 5 दिन में चालान तैयार करके अदालत में पेश कर दिया था. शिकायत पक्ष की ओर से कैसे की पैरवी उप जिला न्यायवादी (ADA) जय भगवान गोयल ने की. उन्हें जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा नियुक्त वकील अरविंद खुरानिया ने सहयोग दिया.
ADA जय भगवान गोयल ने बताया कि घटना कलायत थाना क्षेत्र के एक गांव में 8 अक्टूबर 2022 को हुई थी. कक्षा 2 में पढ़ने वाली 7 साल की मासूम बच्ची घर की गली मे खेल रही थी. तभी वहां पर दोषी पवन पहुंच गया. मासूम पवन के पड़ोस में रहती थी. पवन बच्ची को बहला-फुसला कर अपने साथ ले गया. काफी देर तक बच्ची घर नहीं लौटी तो उसकी तलाश शरू की गई.
बच्ची का पता नहीं चला तो परिवार द्वारा कलायत थाने में अपहरण का केस दर्ज करवाया गया था. 9 अक्टूबर की दोपहर करीब 3 बजे बच्ची का अधजला शव पास के जंगल में मिला. पुलिस ने मौके पर फोरेंसिंक टीम को बुलाया था. पुलिस ने पूछताछ के बाद दोषी पवन को हिरासत में लिया था. इलाके में लगे सीसीटीवी फुटैज में पवन बच्ची को साथ ले जाता नजर आया था.
10 अक्टूबर को तत्कालीन एसपी मकसूद अहमद, डीएसपी सज्जन कुमार, थाना कलायत के कार्यकारी एसएचओ महावीर सिंह, सीआईए वन व रिजर्व टीम कुराड़ गांव पहुंचे. पवन से पूछताछ की गई. उसने बच्ची का रेप किया. वह चिल्लाई तो मुंह दबाकर उसकी हत्या कर दी. सबूत मिटाने के लिए उसने मिट्टी का तेल छिड़ककर मासूम के शव को आग के हवाले कर दिया था.
एडवोकेट जय भगवान गोयल ने बताया कि दिलबाग सिंह और मोहन नाम के व्यक्तियों ने सबसे पहले मासूम का शव जंगल में देखा था. इस लोगों ने ही आरोपी पवन की पहचान की थी. इसके बाद पवन के खिलाफ हत्या और रेप का केस दर्ज किया गया था.
केस की सुनवाई तत्कालीन अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पूनम सुनेजा की अदालत में शुरू हुई थी. उनके तबादले के बाद यह सुनवाई एडीजे डॉ. गगनदीप कौर की अदालत में हुई. इस केस में 2 नवंबर को चार्ज लगाया गया था. मामले में कुल 34 गवाह पेश किए गए.
बहस के दौरान एडवोकेट गोयल और खुरानिया ने अदालत को बताया कि यह केस रेयरेस्ट ऑफ द रेयर केसों की कैटेगरी में आता है, इसलिए दोषी को मौत सजा दी जाए. दूसरी ओर बचाव पक्ष के वकील ने भी दृढ़ता से पवन का पक्ष रखा था. दोनों पक्षों को गौर से सुनने के बाद एडीजे डॉ. गगनदीप कौर सिंह ने पवन को रेप और हत्या का दोषी पाया तथा गवाहों और सबूतों की रोशनी में अपने 100 पेज के फैसले में दोषी को फांसी की सजा सुनाई. आज फैसला सुनने गांव से काफी संख्या में लोग आए हुए थे.
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