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कश्मीर में अपनी पहचान बदल रहे आतंकी संगठन, नया नाम अपना रहे हैं- नई बोतल में पुरानी शराब जैसे आतंकी कश्मीर में..

Teja
19 Oct 2021 4:23 PM GMT
कश्मीर में अपनी पहचान बदल रहे आतंकी संगठन, नया नाम अपना रहे हैं- नई बोतल में पुरानी शराब जैसे आतंकी कश्मीर में..
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कश्मीर में अपनी पहचान बदल रहे आतंकी संगठन, नया नाम अपना रहे हैं- नई बोतल में पुरानी शराब जैसे आतंकी कश्मीर में..

जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठन अपनी पहचान बदल रहे हैं। ये ठीक वैसा ही है जैसे नई बोतल में पुरानी शराब।

जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठन अपनी पहचान बदल रहे हैं। ये ठीक वैसा ही है जैसे नई बोतल में पुरानी शराब। आतंकी संगठनों की ओर से अपनी पहचान बदलने के पीछे कई कारण है। पहचान बदलने के पीछे उस धारणा को बदलना है, जिसमें कहा जाता है कि उनकी गतिविधियां एक इस्लामी आंदोलन का हिस्सा है। यही वजह है कि वो अपने संगठन के नाम से इस्लामिक शब्द हटा रहे हैं।

सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इस्लामिक नामों की जगह वामपंथी उग्रवादियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले शब्दों का उपयोग कर ये संगठन अपने आंदोलन को एक स्वतंत्रता आंदोलन जैसा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। घाटी में पिछले कुछ दिनों में गैर-कश्मीरी लोगों हत्याओं में द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF), यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट (ULF), पीपुल्स एंटी-फ़ासिस्ट फ्रंट (PAFF) जैसे समूहों द्वारा जिम्मेदारी का दावा किया गया था। पीएएफएफ ने एक वीडियो भी जारी किया है जिसमें सेना के कई जवानों की हत्या की जिम्मेदारी ली गई है।

दरअसल, आईएसआईएस की एक प्रोपेगेंडा मैगजीन के लेटेस्ट एडिशन 'वॉयस ऑफ हिंद' में जिक्र है कि आतंकवादी संगठनों को कम्युनिस्ट विचारधाराओं से नाम और प्रेरणा लेनी चाहिए। मेगजीन के एक चैप्टर में लिखा है कि जिन लोगों ने मुजाहिदीन होने का दावा किया, उन्होंने पाकिस्तान में अपने आकाओं के आदेश पर अपने संगठनों से सभी प्रकार के इस्लामी नाम और लेबल हटा दिए हैं। जिसके बाद से मिलिटेंट संगठनों ने कम्युनिस्ट विचारधाराओं और संघर्षों से नाम और प्रेरणा लेना शुरू कर दिया। तकबीर के नारों में राष्ट्रवादी नारे खत्म होने लगे हैं, जो अभी हाल तक इन मुनाफ़िक़ों के लिए जंग का नारा था

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