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शिमला। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने शिक्षकों से कहा है कि वे अपने स्तर पर स्कूलों में बदलाव लाने के लिए कदम उठाएं। साथ ही समग्र शिक्षा की ओर से सिंगापुर भेजे गए शिक्षकों के दूसरे बैच से फीडबैक ली। इस दौरान समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा विशेष तौर पर उपस्थित रहे। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने शिक्षकों से कहा कि वे यह तय करें कि एक्सपोजर विजिट से सीखी चीजों को अपने स्कूलों में कैसे लागू किया जा सकता है। शिक्षक अधिकांश चीजों को बिना किसी बाहरी मदद के स्वंय लागू कर सकते हैं। हिमाचल में कई एस्पिरेशनल स्कूल हैं, यह सब शिक्षकों की वजह से ही है। ऐसे में शिक्षक अपने स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए काम कर सकते हैं और अपने स्तर पर स्कूलों में बड़े बदलाव ला सकते हैं। शिक्षा सचिव ने शिक्षकों से एक प्लान बनाने को भी कहा जिसमें वह अपने स्कूलों के लिए की जाने वाली चीजों को एक, दो, तीन महीने या पूरे साल के टारगेट तय किया जा सकता है। इनमें से कुछ कार्य शिक्षक खुद अपने स्तर पर कर सकते हैं।
बाकी स्कूल के दूसरे शिक्षकों, गैर शिक्षकों के साथ एक टीम के तौर पर लागू कर सकते हैं। शिक्षक स्कूलों में लाइब्रेरी, लैब और स्पोट्र्स के सामान का इस्तेमाल सुनिश्चित करवाएं। उन्होंने अपने संस्थानों को लीडिंग इंस्टीट्यूट के तौर पर विकसित करने को कहा जिसमें एक्सपीरियंशल लर्निंग, ग्रीन क्लीन सहित विभिन्न गतिविधियां शामिल की जा सकती हैं। इसके साथ ही शिक्षा सचिव ने समग्र शिक्षा, शिक्षा निदेशालय, डाइट, एससीईआरटी से मिलकर एक ऐसा तंत्र विकसित करने को भी कहा है, जिससे यह देखा जा सके कि एक्सपोजर विजिट से किस तरह का सुधार इन शिक्षकों के स्कूलों में आया है। शिक्षकों द्वारा लाए गए बदलावों को अन्य शिक्षकों के साथ शेयर किया जाना चाहिए। इस तरह एक फ्रेमवर्क तैयार किया जा सकेगा, जिसको पूरे हिमाचल के स्कूलों में लागू किया जा सकेगा। शिक्षा सचिव ने शिक्षकों का एक्सपोजर विजिट कराने के लिए समग्र शिक्षा परियोजना निदेशक राजेश शर्मा और उनकी टीम की प्रशंसा भी की। इस मौके पर समग्र शिक्षा परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने फीडबैक सेशन को समय देने के लिए शिक्षा सचिव राकेश कंवर का आभार जताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा सचिव ने जो सुझाव दिए हैं उनको पूरी तरह से लागू किया जाएगा।
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