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पंजाब, चंडीगढ़ व हरियाणा की टैक्सी यूनियनों ने परवाणू में किया प्रदर्शन

Shantanu Roy
19 Sep 2023 9:26 AM GMT
पंजाब, चंडीगढ़ व हरियाणा की टैक्सी यूनियनों ने परवाणू में किया प्रदर्शन
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परवाणू। प्रदेश सरकार द्वारा बाहरी राज्यों की टैंपो ट्रैवलर व टैक्सियों से टैक्स वसूल करने पर टैक्सी यूनियनों ने परवाणू बैरियर पर प्रदर्शन किया। यूनियन ने चेतावनी दी कि हिमाचल सरकार ने कथित अवैध टैक्स की वसूली बंद नहीं की तो प्रदेश के बॉर्डर को सील कर देंगे। परवाणू बैरियर पर पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ टैक्सी यूनियन के ऑप्रेटरों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। यह सभी ऑप्रेटर टैंपो ट्रैवलर व कारें लेकर आए हुए थे जिन्हें नैशनल हाईवे के एक किनारे पर गाडिय़ों को खड़ा किया हुआ था। इन वाहनों की लम्बी लाइन लगी हुई थी। आजाद टैक्सी यूनियन पंजाब के बैनर तले दो राज्य व एक केंद्र शासित राज्य के ऑप्रेटरों ने प्रदर्शन किया। प्रशासन ने उनके प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हुए थे। बड़ी संख्या में पुलिस बल की वहां पर तैनाती की हुई थी। आजाद टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष शरनजीत सिंह कलसी ने का कहना है। हिमाचल सरकार द्वारा टैक्स बिल संशोधन किया गया है।
जिसमें टैम्पो ट्रैवलर पर अलग से टैक्स लगाया गया है, जोकि सही नहीं है। ऑल इंडिया परमिट गाडिय़ों के लिए मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट को 80000 रुपए साल का टैक्स अदा करते हैं। हिमाचल सरकार की ओर से बाहरी राज्यों से आने वाली टैम्पो ट्रैवलर व उनसे बड़े ट्रांसपोर्ट वाहनों पर प्रवेश शुल्क 1 सितम्बर से लागू किया गया है । जिसके अनुसार बाहर से आने वाले वाहनों जो ऑल इंडिया परमिट धारक नहीं हैं उन्हें 3000 से 6000 रुपए प्रतिदिन प्रदेश सरकार को देने होंगे। वहीं ऑल इंडिया परमिट वाले वाहनों को 4000 रुपए प्रतिदिन से लेकर 50000 रुपए प्रतिमाह सरकार को देने होंगे। उसके बाद पंजाब सरकार को टैक्स अदा कर रहे हैं अब हिमाचल भी उन पर टैक्स थोप रहा है, जबकि सैंटर मोटर व्हीकल एक्ट के अंदर डबल टैक्स नहीं लगाया जाता। शरनजीत सिंह कलसी ने कहा कि सैंट्रल ट्रांसपोर्ट द्वारा अभी हाल ही में एक अधिसूचना जारी की गई है, जिसमें कहा गया है कि किसी भी राज्य में अलग से टैक्सी गाडिय़ों से टैक्स नहीं लिया जाएगा, प्रदेश सरकार अपने इस फैसला पर पुन: विचार करे, उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री और परिवहन विभाग से ये फैसला वापस लेने की मांग की ओर कहा कि यदि हिमाचल सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती है, आने वाले समय में हिमाचल प्रदेश के सभी बॉर्डर सील कर दिए जाएंगे।
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