हिमाचल प्रदेश। सोलन जिले में शुक्रवार को मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मिला है। जांच के लिए सैंपल पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजा गया है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि बद्दी इलाके के रहने वाले शख्स में 21 दिन पहले संक्रमण के लक्षण दिखे थे। फिलहाल वह ठीक है और आइसोलेशन में है।
वहीं आसपास के इलाकों में निगरानी रखी जा रही है। देश में अब तक मंकीपॉक्स के चार मरीज पाए जा चुके हैं। इनमें 3 तीन केरल के जबकि 1 दिल्ली का है।
इस बीच डॉक्टर रिचा ने खुद को सात दिन के लिए आइसोलेट कर लिया. इसी वक्त बीमारी के होने या ना होने का पता चल जाता है. वे अपने परिवार और काम से दूर रहीं. डॉक्टर रिचा ने मरीज के इलाज के वक्त मास्क, ग्लव्स और पीपीई किट पहनी हुई थी. सेनेटाइजेशन का ख्याल रखा था लिहाजा वो संक्रमण से बची रहीं. डॉ रिचा के मुताबिक मरीज से दूर रहें तो संक्रमण नहीं होगा और पास रहना ही पड़े तो मरीज को मास्क लगाने को कहें, क्योंकि उसकी थूक से भी संक्रमण हो सकता है. उसके कपड़ों, बिस्तर, चादर तौलिए - बाथरुम सबको अलग ही रखें.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक 21 दिन अधिकतम समय होता है, जब मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो जाता है. मरीज की जानकारी की प्राइवेसी का सम्मान रखते हुए गोपनीय रखा गया है. मंकीपॉक्स के वायरस का जो स्ट्रेन भारत में फैला है उसे आईसीएमआर ने आइसोलेट कर लिया है. इस स्ट्रेन को फार्मा कंपनियां रिसर्च, दवा बनाने और वैक्सीन बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं. उसके लिए आईसीएमआर से संपर्क करना होगा.