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सुप्रीम कोर्ट ने किया जम्मू-कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया पर रोक से इनकार, जानें पूरा मामला
jantaserishta.com
13 May 2022 11:13 AM GMT
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के चुनाव क्षेत्रों में हुए परिसीमन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि 2020 में जारी की गई अधिसूचना को अब चुनौती दे रहे हैं, आप दो साल से अबतक कहां सो रहे थे? साथ ही उच्चतम न्यायालय ने केंद्र, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और निर्वाचन आयोग से छह हफ्ते में जवाब मांगा है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के 6 हफ्ते में आने वाले जवाब पर याचिकाकर्ताओं को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए 2 हफ्ते का समय दिया. यानी कुल आठ हफ्ते दिए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई 30 अगस्त को करेगा.
जम्मू कश्मीर के रहने वाले हाजी अब्दुल गनी खान और डॉक्टर मोहम्मद अयूब मट्टू ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि परिसीमन आयोग का गठन कानून की सीमा से परे है. यानी केंद्र सरकार ने अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर ये कवायद की है.
परिसीमन आयोग की 25 अप्रैल को सौंपी गई फाइनल रिपोर्ट के मुताबिक, परिसीमन के जरिए जम्मू कश्मीर विधानसभा के लिए 83 सीटों की जगह 90 हो जाएंगी. इसके अलावा पांच नई प्रस्तावित लोकसभा सीटों पर भी चुनाव होगा. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर केंद्र शासित प्रदेश में परिसीमन करने के सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया है कि यह परिसीमन जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन एक्ट 2019 की धारा 63 और संविधान के अनुच्छेद 81, 82,170, 330, 332 के खिलाफ है.
इसके अलावा याचिका में जम्मू कश्मीर परिसीमन आयोग के गठन को भी असंवैधानिक बताया गया है. याचिका में सवाल उठाया गया है कि संविधान के अनुच्छेद 170 के तहत देश मे अगला परिसीमन 2026 में होना ही है. ऐसे में अलग से जम्मू कश्मीर में परिसीमन क्यों किया जा रहा है?
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